
शत्रु में दोष देखकर बुद्धिमान झट वहीं क्रोध को व्यक्त नहीं करते हैं, अपितु समय को देखकर उस ज्वाला को मन में ही समाए रखते हैं।
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आलस्य मनुष्य के द्वारा समय को बर्बाद करना है, लालच उसके द्वारा भोजन या धन को बर्बाद करना है, क्रोध उसके द्वारा शांति को बर्बाद करना है। लेकिन ईर्ष्या—ईर्ष्या उसके द्वारा साथी मनुष्य को बर्बाद करना है। दूसरे मनुष्यों की सांत्वना बर्बाद करना है।

हे राजा! धन से धर्म का पालन, कामना की पूर्ति, स्वर्ग की प्राप्ति, हर्ष की वृद्धि, क्रोध की सफलता, शास्त्रों का श्रवण और अध्ययन तथा शत्रुओं का दमन—ये सभी वही कार्य सिद्ध होते हैं।


क्रोध एक तेज़ाब है। वह जिस पर फेंका जाता है; उससे अधिक नुक़सान उस बर्तन को पहुँचा सकता है, जिसमें इसे रखा जाता है।

क्रोध अत्यंत कठोर होता है। वह देखना चाहता है कि मेरा एक वाक्य निशाने पर बैठता है या नहीं, वह मौन को सहन नहीं कर सकता।

हिटलर पर भी ग़ुस्सा करना उचित नहीं है, ईश्वर पर तो और भी कम।


जो कमज़ोर होता है वही सदा रोष करता है और द्वेष करता है। हाथी चींटी से द्वेष नहीं करता। चींटी, चींटी से द्वेष करती है।

ईर्ष्या, लोभ, क्रोध एवं कठोर वचन—इन चार सदा बचते रहना ही वस्तुतः धर्म है।

क्रोध, हर्ष, अभिमान, लज्जा, उद्दंडता, स्वयं को बहुत अधिक मानना—ये सब जिस मनुष्य को उसके लक्ष्य से नहीं हटाते, उसी को पंडित कहा जाता है।

मेरे सामने जब कोई असत्य बोलता है तब मुझे उस पर क्रोध होने के बजाए स्वयं अपने ही ऊपर अधिक कोप होता हैं, क्योंकि मैं जानता हूँ कि अभी मेरे अंदर-तह में-असत्य का वास है।

आज्ञा का उल्लंघन सद्गुण केवल तभी हो सकता है जब वह किसी अधिक ऊँचे उद्देश्य के लिए किया जाए और उसमें कटुता, द्वेष या क्रोध न हो।

निष्फल क्रोध का परिणाम होता है, रो देना।


काम-क्रोध आदि मनःशक्तियाँ जिन्हें 'शत्रु' कहा जाता है, सुनियन्त्रित होकर परम सहायक मित्र बन जाती हैं।

निर्धन अवस्था में मनुष्य को केवल क्रोध आता है, जिससे वह पुनः मोहाच्छन्न हो जाता है। मोह के वशीभूत होकर वह क्रूरता पूर्ण कर्म करने लगता है।

तुम्हारा हँसना तुम्हारे क्रोध से भी भयानक है।


जल और अग्नि के समान धर्म और क्रोध का एक स्थान पर रहना स्वभाव-विरुद्ध है।

हे अर्जुन! आसुरी संपत्ति के साथ उत्पन्न हुए मनुष्य में दभ, दर्प, अभिमान, क्रोध, निष्ठुरता और अज्ञान होते हैं।

क्रोध में यदि तुम क्षण भर के लिए भी धैर्य रख सको तो तुम एक युग भर के दुःख से बच जाओगे।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere