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मित्र पर कविताएँ

मित्रता दो या दो से

अधिक व्यक्तियों के बीच का अंतर्वैयक्तिक बंधन है जिसके मूल में आत्मीयता होती है। मित्रता के गुणधर्म पर नीतिकाव्यों में पर्याप्त विचार किया गया है। इस चयन में मित्र और मित्रता-संबंधी अभिव्यक्तियों को शामिल किया गया है।

कितना बहुत है

विनोद कुमार शुक्ल

साथी

अंकिता शाम्भवी

हम जिएँ न जिएँ दोस्त

केदारनाथ अग्रवाल

आत्म-मृत्यु

प्रियंका दुबे

?

गगन गिल

अ-भाषा में

बाबुषा कोहली

पुराने दोस्त

शैलेंद्र साहू

मित्र मंडल

भवानीप्रसाद मिश्र

लोकतंत्र का समकालीन प्रमेय

जितेंद्र श्रीवास्तव

क़ब्रगाह के पायदान...

अलेक्सांद्र ब्लोक

वापसी

कुमार विकल

मित्रों की विदाई

निकोलाय ज़बोलोत्स्की

ओ सखी!

प्रदीप अवस्थी

दोस्त

विष्णु खरे

सहपाठी

विनोद दास

रहमान, सलमा और मैं

दिलीप पुरुषोत्तम चित्रे

एक मित्र की बीमारी

विलियम बटलर येट्स

बिछड़ना

विजय राही

अमित्रता

हरे प्रकाश उपाध्याय

याद

विनय सौरभ

खिलाड़ी दोस्त

हरे प्रकाश उपाध्याय

दुष्टमित्र

रवि भूषण पाठक

दोस्त का आना

विनय सौरभ

आओ, बाहर

इब्बार रब्बी

खेल संध्या

राकेश चन्द्र

फ़ेसबुक

हरे प्रकाश उपाध्याय

दोस्ती और प्रेम

गोविंद माथुर

दोस्त हैदराबाद

शैलेंद्र कुमार शुक्ल

महिला मित्र

रेखा चमोली

मेरी दोस्त और बैसाखी

कुमार कृष्ण शर्मा

शाम का साथी

सुधांशु फ़िरदौस

बजरंगी

राकेश रंजन

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere