छपरा, बिहार
बड़े लोगों की बुद्धि स्वभाव से ही स्वतंत्र और अपनी रुचि के अनुरोध पर चलने वाली होती है।
सहस्रों माता-पिता और सैकड़ों पुत्र व पत्नियाँ युग-युग में हुए। सदैव के लिए वे किसके हुए और आप किसके हैं?
दानव हो या मानव, मुनि हो या भोले-भाले शंकर, भी सुरलोक की सुंदरियों को कटाक्ष-शृंखला से वह बंध ही जाएगा।
धार्मिक पुरुषों के पास कल्याण संपदाएँ सदैव रहती है।
इस सुंदरी का शरीर मनोहर है, वाणी रम्य है तथा चरण-निक्षेप अलौकिक है।
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