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अभिव्यक्ति पर उद्धरण

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आज़ादी का अर्थ हर चीज़ पर सवाल उठाने का अधिकार है।

आई वेईवेई
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नास्तिकता प्रायः धर्म की प्राणशक्ति की अभिव्यक्ति रही है, धर्म में वास्तविकता की खोज रही है।

सर्वेपल्लि राधाकृष्णन
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चाहे कविता किसी भाषा में हो, चाहे किसी वाद के अंतर्गत, चाहे उसमें पार्थिव विश्व की अभिव्यक्ति हो, चाहे अपार्थिव की और चाहे दोनों के अविच्छिन्न संबंध की, उसके अमूल्य होने का रहस्य यही है कि वह मनुष्य के हृदय से प्रवाहित हुई है।

महादेवी वर्मा
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सूक्ष्म अभिव्यक्ति के लिए लोकभाषाओं से बल प्राप्त करना ही होगा।

कुबेरनाथ राय
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बहुत से पुराने शब्द हैं जो अत्यंत अभिव्यक्ति-प्रवण है। परंतु प्रयोग होने से लोग भूल गए हैं।

कुबेरनाथ राय
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अभिव्यक्ति मानव हृदय का स्वाभाविक गुण है।

प्रेमचंद
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दुनिया नहीं बदलेगी अगर आप ज़िम्मेदारी का बोझ अपने कंधों पर नहीं लेंगे।

आई वेईवेई
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छाया भारतीय दृष्टि से अनुकृति और अभिव्यक्ति की भंगिमा पर अधिक निर्भर करती है। ध्वन्यात्मकता, लाक्षणिकता, सौंदर्यमय प्रतीक-विधान और उपचारवक्रता के साथ स्वानुभूति की विवृति छायावाद की विशेषताएँ हैं। अपने भीतर से मोती के पानी की तरह आंतर स्पर्श करके भाव-समर्पण करने वाली अभिव्यक्ति छाया कांतिमयी होती है।

जयशंकर प्रसाद
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क्रोध का एक हल्का रूप है चिड़चिड़ाहट, जिसकी व्यंजना प्रायः शब्दों ही तक रहती है।

आचार्य रामचंद्र शुक्ल
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चीन के बुद्धिजीवियों और प्रोफ़ेसरों और उनका बचाव करने वाले राजनीतिक माफ़िया के बीच एक महीन-सी रेखा है जो उन्हें अलग करती है।

आई वेईवेई
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कहिए आपको जो कहने की ज़रूरत है—बिल्कुल सीधे और सादे शब्दों में, और फिर उसकी ज़िम्मेदारी लीजिए

आई वेईवेई
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एक छोटा-सा कर्म लाखों विचारों के बराबर है।

आई वेईवेई
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मेरा पसंदीदा शब्द : ‘करो’।

आई वेईवेई
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बोलने की आज़ादी में यह समाहित है कि दुनिया परिभाषित नहीं है। यह तभी अर्थपूर्ण होती है जब लोगों को यह अनुमति हो कि वे दुनिया को अपने तरीके से देख सकें।

आई वेईवेई
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अभिव्यक्ति की कुशल शक्ति ही तो कला।

मैथिलीशरण गुप्त
  • संबंधित विषय : कला
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सचमुच मनुष्य के वास्तविक रूप की अकुण्ठ अभिव्यक्ति, सबके लिए सह्य नहीं होती। मगर मन में जो गुदगुदी अनायास पैदा होती है, उसे अस्वीकार करना सबके लिए कठिन होता है।

कृष्ण बिहारी मिश्र
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जिनके स्वादिष्ट भोजन की ओर बालक लालायित दृष्टि से देखते रहें और विधिवत खा पाएँ, तो उन्हें इससे बड़ा पाप क्या होगा?

वेदव्यास

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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