
यह स्त्री शिष्टाचार में क्रांति लाने का समय है—उन्हें उनकी खोई गरिमा लौटाने का समय। यह अपरिवर्तनीय नैतिकता को स्थानीय शिष्टाचार से अलग करने का समय है।

कविता क्रांति ले आएगी, ऐसी ख़ुशफ़हमी मैंने कभी नहीं पाली, क्योंकि क्रांति एक संगठित प्रयास का परिणाम होती है, जो कविता के दायरे के बाहर की चीज़ है।

जल विप्लव है।

विचार कविता का एक अंश है।

प्रौढ़-वय का शासक अपने को वैसा ही क्रांतिकारी समझता रहता है, जैसा कभी युवावस्था में वह था।

आने वाली क्रांति केवल रोटी की क्रांति, समान अधिकारों की क्रांति ही न होकर जीवन के प्रति नवीन दृष्टिकोण की क्रांति, मानसिक मान्यताओं की क्रांति तथा सामाजिक अथच नैतिक आदर्शों की भी क्रांति होगी।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere