
गृहिणी की आजीविका श्रेष्ठ है। अन्य सभी पेशे केवल इस श्रेष्ठ पेशे की मदद करने के उद्देश्य से मौजूद हैं।

वह सबको शरण देने वाला है, दाता और सहायक है। अपराधों को क्षमा करने वाला है, जीविका देने वाला है और चित्त को प्रसन्न करने वाला है।

अभावमयी लघुता में मनुष्य अपने को महत्त्वपूर्ण दिखाने का अभिनय न करे तो क्या अच्छा नहीं है?

जीविका की पद्धति में और प्रतिष्ठा में जब आमूलाग्र परिवर्तन हो तब वह क्रांति कहलाती है।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere