
संसार में सबसे शक्तिशाली मनुष्य वही है जो सबसे अधिक अकेला खड़ा रहता है।

प्रतिभाशाली लोगों की प्रशंसा की जाती है, धनवानों से ईर्ष्या की जाती है, शक्तिशाली लोगों से डर लगता है; लेकिन केवल चरित्र वाले लोगों पर ही भरोसा किया जाता है।


ताक़त के विरुद्ध मनुष्य का संघर्ष भूलने के विरुद्ध स्मृति का संघर्ष है।

जब ताक़तवर लोग इतने कमज़ोर थे कि वे कमज़ोर को नुक़सान नहीं पहुँचा सकते थे, तब कमज़ोर व्यक्तियों को इतना मज़बूत होना चाहिए था कि वे चले जाते।

केवल किसी स्त्री के पास ही यह चुनने की शक्ति है कि अर्पण करना है या नहीं।

पुरुष-संस्कृति पारस्परिकता के बिना स्त्रियों की भावनात्मक ताक़त पर पोषित होने वाली परजीवी संस्कृति थी और है।

हाथ को ध्यान से देखो तो तुम्हें दिखेगा कि वह आदमी की सच्ची तस्वीर है, वह मानव-प्रगति की कहानी है, संसार की शक्ति और निर्बलता का माप है।

मुझसे सीखें, यदि मेरे उपदेशों से नहीं, तो मेरे उदाहरण से सीखें कि ज्ञान की खोज कितनी ख़तरनाक है और वह व्यक्ति जो अपने मूल शहर को ही दुनिया मानता है, वह उस व्यक्ति की तुलना में कितना ख़ुश है जो अपनी शक्ति से बड़ा होने की आकांक्षा रखता है।

यथार्थ प्यार करने में स्त्रियों की शक्ति और साहस पुरुष से कहीं अधिक है। वे कुछ नहीं मानतीं। पुरुष जहाँ भय विह्वल हो जाते हैं, स्त्रियाँ वहाँ स्पष्ट बातें उच्च स्वर से घोषित करने में दुविधा नहीं करतीं।

सज्जनता कठोरता से अधिक, पानी चट्टान से अधिक और प्यार ताक़त से अधिक मज़बूत है।

प्रेम व्यक्ति के भीतर एक सक्रिय शक्ति का नाम है। यह वह शक्ति है जो व्यक्ति और दुनिया के बीच की दीवारों को तोड़ डालती है, उसे दूसरों से जोड़ देती है।

समाज धर्म के कारण से संगठित रहते हैं चाहे लोग उसका (धर्म का प्रदर्शन करें या उसे अपने हृदय में रखें। जब धर्म समाप्त हो जाता है तब पारस्परिक विश्वास भी नष्ट हो जाता है, लोगों का आचरण भ्रष्ट हो जाता है और उसका फल राष्ट्र को भुगतना पड़ता है। धर्म सुलाने वाला नहीं है अपितु शक्ति का आधार-स्तंभ है।

दया और क्षमा भी मानव के धर्म हैं, तो शक्तिवान होना और उपयुक्त समय पर देश और धर्म की रक्षा के लिए शक्ति का प्रयोग करना भी धर्म है।

पहली शर्म कितनी प्यारी होती है, हालाँकि लोग इसे अक्षमता मान जल्द से जल्द दूर करने की कोशिश करते हैं। वह इस जादू की बर्फ़ को तोड़ने के लिए अपनी पूरी ताक़त से कोशिश करते हैं।

विश्व तुम्हारा बाहुबल नहीं, बल्कि नीरव आश्वासन और सुकुमार हृदय की शक्ति का निर्झर विश्वास ही चाहता है।

मेरा मानना है कि कुछ ऐसे लोग हैं जिनमें चीज़ों को आपस में मिलाकर उन्हें पुनर्जीवित करने की ताक़त होती है।

प्यार बहुत सरल घटना है—यह असमान शक्ति-संतुलन के चलते जटिल, विकृत या बाधित हो जाता है।

शिक्षक को अपने शिष्य की संभावित शक्ति में विश्वास करना चाहिए, और उसे अपनी सारी कला को अपने शिष्य को इस शक्ति का अनुभव कराने की कोशिश में लगा देना चाहिए।

लोग अब भी ताक़तवर पुरुष को जन्मजात नेता और ताक़तवर स्त्री को विसंगति मानते हैं।

प्रतिभा लंबा धैर्य है और मौलिकता इच्छाशक्ति और गहन अवलोकन का प्रयास है।

मानव को जो बहुत बड़े-बड़े अंगों वाला बहुत मज़बूत प्राणी नहीं बनाया गया, वह केवल इसलिए कि वह अपनी दुनिया स्वयं संकुचित करने का प्रयत्न करे; जहाँ उसके लिए ठीक हो, दीवार खड़ी कर ले।

प्रेम करना सुरक्षा का कोई स्थान प्रदान नहीं करता है। हम नुक़सान, चोट, दर्द का जोखिम उठाते हैं। हम अपने नियंत्रण से बाहर की ताक़तों द्वारा कार्य किए जाने का जोखिम उठाते हैं।

युगों से पुरुष स्त्री को उसकी शक्ति के लिए नहीं, सहनशक्ति के लिए हो दंड देता आ रहा है।

जब आपने मेरे जितना जीवन देखा लिया होगा, तब आप जुनूनी प्रेम की शक्ति को कम नहीं आँकेंगे।

मेरी व्यावहारिकता इसमें निहित है—इस ज्ञान में—कि अगर आप दीवार पर अपना सिर पीटते हैं, तो वह आपका सिर है जो कि चोटिल होता है; दीवार नहीं। यही मेरी ताक़त है—मेरी एकमात्र ताक़त।

जब आप विश्वास और ताक़त के पदों पर पहुँचते हैं, तो सोचने से पहले सपना देखें।

बूढ़ा हो जाना जवानी को खो देना नहीं है, बल्कि अवसर और ताक़त का नया कार्यक्षेत्र है।
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लोगों के द्वारा अपनी ताक़त को त्याग देने का सबसे आम तरीक़ा यह सोच लेना है कि उनके पास ताक़त है ही नहीं।


आप अच्छे से जानते हैं, अपने भीतर गहराई से, कि केवल एक जादू, एक शक्ति, एक मुक्ति है, और उसे प्यार करना कहा जाता है।

प्रेम जैसी निर्मम वस्तु क्या भय से बाँध कर रखी जा सकती है? वह तो पूरा विश्वास चाहती है, पूरी स्वाधीनता चाहती है, पूरी ज़िम्मेदारी चाहती है। उसके पल्लवित होने की शक्ति उसके अंदर है। उसे प्रकाश और क्षेत्र मिलना चाहिए। वह कोई दीवार नहीं है, जिस पर ऊपर से ईंटें रखी जाती है उसमें तो प्राण है, फैलने की असीम शक्ति है।

स्त्री अहिंसा की मूर्ति है। अहिंसा का अर्थ है अनंत प्रेम और उसका अर्थ है कष्ट सहने की अनंत शक्ति।

आप मेरे शरीर पर बंधन लगा सकते हैं, मेरे हाथों को बाँध सकते हैं, मेरे कार्यों को नियंत्रित कर सकते हैं : आप सबसे मज़बूत हैं, और समाज आपकी शक्ति को बढ़ा देता है; लेकिन मेरी इच्छा के साथ, आप कुछ नहीं कर सकते हैं।

क्रांतिकारी क्रांतियाँ नहीं करते हैं। क्रांतिकारी वे होते हैं जो जानते हैं कि ताक़त कब गलियों में गिरी होती है और फिर वे इसे उठा सकते हैं।
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भाषा पर महारत असाधारण शक्ति प्रदान करती है।

दीपावली प्रकाश का पर्व है। इस दिन जिस लक्ष्मी की पूजा होती है। वह गरुड़वाहिनी है— शक्ति, सेवा और गतिशीलत उसके मुख्य गुण हैं।

दीपावली का पर्व आद्या शक्ति के विभिन्न रूपों के स्मरण का दिन है।

पुरुष स्त्री को शक्ति समझकर ही पूर्ण हो सकता है; पर स्त्री स्त्री की शक्ति समझकर अधूरी रह जाती है।

मैं मृत पुरुषों की पूजा उनकी ताक़त के कारण किया करती थी, मैं यह भूल गई थी कि मैं मज़बूत थी।

सबसे अधिक ईमानदार व्यक्ति वह है जो सबसे अच्छा सोचता है और कार्य करता है, मगर सबसे शक्तिशाली वह है जो सबसे अच्छा लिखता और बोलता है।

ताक़त हासिल की जा सकती है, लेकिन दी नहीं जाती है। ताक़त हासिल करने की प्रक्रिया अपने आपमें सशक्तीकरण है।

भगवती महामाया का निद्रा-रूप बड़ा शामक होता है। वह शरीर और मन की थकान पर सुधालेप करता है। वह जीवनी शक्ति को सहलावा देता है और प्राणों को नए सिरे से ताज़गी देता है।

जहाँ कहीं अपने आपको उत्सर्ग करने की, अपने आपको खपा देने की भावना प्रधान है, वहीं नारी है। जहाँ कहीं दुःख-सुख की लाख-लाख धाराओं में अपने को दलित द्राक्षा के समान निचोड़ कर दूसरे को तृप्त करने की भावना प्रबल है, वहीं 'नारीतत्त्व' है या शास्त्रीय भाषा में कहना हो, तो 'शक्तित्त्व' है। नारी निषेध-रूपा है। वह आनंद भोग के लिए नहीं आती, आनंद लुटाने के लिए आती है।

हमें अपनी दुनिया को बदलने के लिए जादू की ज़रूरत नहीं है। अपनी ज़रूरत की सारी शक्ति पहले से ही हमारे पास है।

जगत् में प्रायः धनवानों में खाने और पचाने की शक्ति नहीं रहती है और दरिद्रों के पेट में काठ भी पच जाता है।

आदमी को अपने को धोखा देने की शक्ति इतनी है कि वह दूसरों को धोखा देने की शक्ति से बहुत अधिक है। इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण हरेक समझदार आदमी है।

मैं दूसरों पर रोब ज़माने के लिए नहीं, बल्कि अपने लिए शक्तिशाली होने को लालायित हूँ।

स्त्री सहन-शक्ति की साक्षात् प्रतिमूर्ति है, धैर्य का अवतार है।

नारी की शक्ति उसकी तपस्या में है।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
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