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संघर्ष पर कविताएँ

अंतिम ऊँचाई

कुँवर नारायण

कौन जात हो भाई

बच्चा लाल 'उन्मेष'

नर हो, न निराश करो मन को

मैथिलीशरण गुप्त

कोई दुःख

कुँवर नारायण

ब्रह्मराक्षस

गजानन माधव मुक्तिबोध

भेड़िया

सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

बड़बड़

नाज़िश अंसारी

उठ जाग मुसाफ़िर

वंशीधर शुक्ल

प्रार्थना

नवीन रांगियाल

ग़ायब लोग

आदर्श भूषण

उम्मीद

विमलेश त्रिपाठी

दिशा

केदारनाथ सिंह

क़दम क़दम बढ़ाए जा

वंशीधर शुक्ल

पिछड़ा आदमी

सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

उनको प्रणाम!

नागार्जुन

हाथ और साथ का फ़र्क़

जावेद आलम ख़ान

अगर तुम युवा हो

शशिप्रकाश

संघर्ष

सारुल बागला

बीते हुए दिन

राजेंद्र धोड़पकर

ईंटें

नरेश सक्सेना

सात झींगे, सात बिच्छू

आऊलिक्की ओकसानेन

अमीरी रेखा

कुमार अम्बुज

आत्म-मृत्यु

प्रियंका दुबे

पहाड़ पर चढ़ने के लिए

पद्मजा घोरपड़े

शराब के नशे में

अच्युतानंद मिश्र

चरवाहा

गोविंद निषाद

यहीं

अहर्निश सागर

मेरा गला घोंट दो माँ

निखिल आनंद गिरि

गाँव में सड़क

महेश चंद्र पुनेठा

मुट्ठी भर चावल

ओमप्रकाश वाल्मीकि

वह जहाँ है

अखिलेश सिंह

उम्मीदें

दर्पण साह

याद नहीं

मनमोहन

ख़तरा

कुमार अम्बुज

मकड़जाल

संदीप तिवारी

उपला

नवीन रांगियाल

निष्कर्ष

शुभांकर

उदासी

प्रदीप्त प्रीत

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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