Font by Mehr Nastaliq Web

प्रकाश पर कविताएँ

प्रकाश का संबंध हमारे

दृश्य संसार से है। प्रकाश अंधकार के प्रतिरोध की प्रतीति भी है। इस चयन में प्रकाश एवं उसके विभिन्न शब्द और अर्थ पर्यायों के साथ अभिव्यक्त कविताओं का संकलन किया गया है।

पहाड़ पर लालटेन

मंगलेश डबराल

जुगनू

गीत चतुर्वेदी

आओ फिर से दिया जलाएँ

अटल बिहारी वाजपेयी

जलाते चलो

द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी

टॉर्च

मंगलेश डबराल

रोशनी

नरेश सक्सेना

समय गीत

रोशन जनकपुरी

रोशनियाँ

अर्नेस्तो कार्देनाल

दीवट का दिया

केशव तिवारी

पूर्वग्रह

लुई आरागों

घेरा

यानिस रित्सोस

अंकन

ज़्बीग्न्येव हेर्बेर्त

प्रकाश की ओर

कानेको मिसुजु

बारजे

रफ़ाइल अलबर्ती

किरण

पॉल इल्यार

क़िंदीलें

सी. पी. कवाफ़ी

एक दीया तली पर

परमिंदरजीत

गोदना

वॉलेस स्टीवंस

रोशन हुई शिखर शृंखला

ग़ुलाम अहमद 'महजूर'

बस एक मोमबत्ती

बेला अख़्मादूलीना

उजाले की ओट

अमिताभ चौधरी

ठहरी नदी

प्रकाश

देखता यह संसार

कुंजबिहारी दास

देवदीपावली

राधावल्लभ त्रिपाठी

मन योगी तन भस्म भया

अमृता प्रीतम

बचा प्रकाश

सविता सिंह

सम्मोहित आलोक

यतींद्र मिश्र

सिर्फ़ आलोक ही नहीं

विजय देव नारायण साही

काव्य कला

एमोलियो शोलेशी

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

रजिस्टर कीजिए