दिन पर उद्धरण
सूर्योदय से सूर्यास्त
के बीच के समय को दिन कहा जाता है। यह समय, काल, वक़्त का भी अर्थ देता है। दिन समय-संबंधी ही नहीं, जीवन-संबंधी भी है जो रोज़मर्रा के जीवन का हिसाब करता है और इस अर्थ में भाषा द्वारा तलब किया जाता रहता है। इस चयन में प्रस्तुत है—दिन विषयक कविताओं का एक अपूर्व संकलन।

व्यवस्था नहीं है। व्यवस्था किसी दिन भी नहीं थी।

जिस दिन मैं नहीं लिखती, वह कसैला स्वाद छोड़ देता है।

मनुष्य इस संसार में दो दिन का अतिथि है।

दिन के पूर्व भाग में जो जीवित सूर्य दिखाई देता है, उसके अंतिम भाग में वही अंगारों का पुंजमात्र रह जाता है, जिसे लाखों श्रेष्ठ व्यक्ति प्रणाम करते हैं, वही स्वामी असमय में अकेला ही मर जाता है।

‘खोए हुए’ दिन, कितने आविष्कारों से भरे हुए हैं।

दीपावली का पर्व आद्या शक्ति के विभिन्न रूपों के स्मरण का दिन है।

और वह दिन आया जब एक कली में फंसे रहने का जोख़िम खिलने के जोख़िम से ज़्यादा दर्दनाक था।

दिन का अंधकार ख़तरनाक होता है। रात का अँधेरा नींद लाता है, दिन का अँधेरा ख़्वाब।

खाओ, पिओ, जागो, बैठो अथवा खड़े रहे, पर दिन में एक बार भी यह सोच लो कि इस शरीर का नाश निश्चय है।

दिन-रात लगातार बीत रहे हैं और इस संसार में सभी प्राणियों की आयु का उसी प्रकार शीघ्र नाश कर रहे हैं, जैसे सूर्य की किरणें ग्रीष्म ऋतु में जल का शीघ्र नाश करती हैं।

आनंद दिन पर शासन करता था और प्रेम, रात्रि पर।

हम दोपहर में अपने पसीने को व्यय करते हैं और रात्रि में तेल को। हर रात्रि में चिंतन करके थकते हैं और दिन में परिश्रम करके।

काष्ठा, कला, मुहूर्त, दिन, रात, लव, मास, पक्ष, छह ऋतु, संवत्सर और कल्प इन्हें 'काल' कहते हैं तथा पृथ्वी को 'देश' कहा जाता है। इनमें से देश का तो दर्शन होता है किंतु काल दिखाई नहीं देता। अभीष्ट मनोरथ की सिद्धि के लिए जिस देश और काल को उपयोगी मानकर उसका विचार किया जाता है, उसको ठीक-ठीक ग्रहण करना चाहिए।

दिन के चौबीस घंटे कर्त्तव्य का पालन करना या सेवा करना यज्ञ है।
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क्या मैं उस खोए हुए दिन की तरह हूँ जब तुम पूर्व की ओर उड़ते हो, और वह पुनः प्राप्त निशा जो पश्चिम जाने से मिलती है?


एक अच्छे दिन का काम हमारे आस पास पसरे कोहरे को हटाता है, जो अपने आप में एक दैवीय सुख है।

हर दिन का ब्योरा रखो, अपनी सुबह की तारीख़ को उम्मीद के रंग से भरो।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere