दिन पर नवगीत

सूर्योदय से सूर्यास्त

के बीच के समय को दिन कहा जाता है। यह समय, काल, वक़्त का भी अर्थ देता है। दिन समय-संबंधी ही नहीं, जीवन-संबंधी भी है जो रोज़मर्रा के जीवन का हिसाब करता है और इस अर्थ में भाषा द्वारा तलब किया जाता रहता है। इस चयन में प्रस्तुत है—दिन विषयक कविताओं का एक अपूर्व संकलन।

दिन दिवंगत हुए

कुँअर बेचैन

अच्छे दिन

जगदीश व्योम

गूलर के कीड़े

देवेंद्र कुमार बंगाली

सारा दिन

देवेंद्र कुमार बंगाली

सर्पीला दिन

सोम ठाकुर

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

संबंधित विषय