सुबह पर कविताएँ

उम्मीद

विमलेश त्रिपाठी

अगले सबेरे

विष्णु खरे

मेरे दरवाज़े सुबह

पंकज चतुर्वेदी

उषा

शमशेर बहादुर सिंह

विहान

लक्ष्मण गुप्त

मास्को की सुबह

अलेक्सांद्र ब्लोक

निशा और उषा

बोरीस पस्तेरनाक

सुबह का गीत

निकोलाय ज़बोलोत्स्की

भोर का तारा

घनश्याम कुमार देवांश

कुछ पेड़

जॉन एशबेरी

सुबह चार बजे

वीस्वावा षिम्बोर्स्का

रोशन हुई शिखर शृंखला

ग़ुलाम अहमद 'महजूर'

साफ़ सुबह

निर्मला गर्ग

हिसाब

शक्ति महांति

सुबह की दुआ

असद ज़ैदी

प्रस्थान

अमिताभ चौधरी

सुबह

शिवम चौबे

सुबह

जितेंद्र कुमार

सबेरा हुआ है

वंशीधर शुक्ल

स्तंभ

अविनाश

सुबह आती नहीं लाई जाती है

सौरभ सिंह क्रांतिकारी

अगली सुबह

योगेंद्र गौतम

रोज़ सुबह होती है

साहिल परमार

सुबह

कुलदीप कुमार

उषस्

श्रीनरेश मेहता

सुबह का इंतज़ार

दिलीप शाक्य

सुबह-सुबह

नागार्जुन

जाड़े की सुबह

अलेक्सांद्र पूश्किन

रात जब सो रही है

चित्रा सिंह

सुबह

ओक्ताविओ पाज़

सुबह की शुरुआत

अनुपम सिंह

भोर का पाखी

मनोरमा बिश्वाल महापात्र

उदास सुबह

अशोक कुमार

प्रभात

केदारनाथ अग्रवाल

लोकतंत्र की एक सुबह

कमल जीत चौधरी

प्रत्यूष के पूर्व

रामविलास शर्मा

नए साल की सुबह

दिनेश कुशवाह

सखि, जागो!

तारा पांडे

भोर होते न होते

शुभेंदु मुंड

फूटा प्रभात

भारतभूषण अग्रवाल

रोज़ सुबह

नवल शुक्ल

आभास

कन्हैयालाल सेठिया

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere