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यातना पर कविताएँ

यातना घोर शारीरिक या

मानसिक कष्ट की स्थिति है। इस चयन में उन कविताओं को शामिल किया गया है, जिनमें यातना एक केंद्रीय विषय है।

या

सौरभ अनंत

इतिहास में अभागे

दिनेश कुशवाह

अमीरी रेखा

कुमार अम्बुज

ख़तरा

कुमार अम्बुज

मेरा गला दबा दो माँ

नाज़िश अंसारी

कीलें

शुभम नेगी

नंगी गालियाँ

नाज़िश अंसारी

बताना

पायल भारद्वाज

शोर

प्रदीप अवस्थी

मेरे लोग

जॉन गुज़लॉव्स्की

न याद न जादू

मिक्लोश राद्नोती

जान काका

जोर्जे दे लीमा

डर

जॉन गुज़लॉव्स्की

एक सवाल

शैलेंद्र कुमार शुक्ल

तंत्र

सौरभ कुमार

यातना का शिल्प

सारुल बागला

गूँगा हो जाना चाहता है

नंदकिशोर आचार्य

दुख लिखा जाना चाहिए

पंकज चतुर्वेदी

कुछ बातें

सुंदर चंद ठाकुर

कथावाचिका

अमर दलपुरा

कड़ुवे सीमांत पर

कैलाश वाजपेयी

मूलतः कवि

अविनाश मिश्र

माधवी

सुमन राजे

देश

विनोद दास

घर लौटते मज़दूर

कृष्ण कल्पित

सो गए

फ़रीद ख़ाँ

प्रतिक्रिया

शीला सिद्धांतकर

झुकना मत

मीनाक्षी जिजीविषा

अनुभव

नरेंद्र जैन

घर के भीतर

स्वप्निल श्रीवास्तव

देह की मेढ़

संध्या चौरसिया

लूट

प्रकाश चंद्रायन

मैं सबसे क्रूर था

नवीन रांगियाल

मेरी ज़ुबान

हरि मृदुल

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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