Font by Mehr Nastaliq Web

कवि पर कवि

एक कवि की दूसरे कवि

पर लिखी गई कविता।

कालिदास

नागार्जुन

ज़रूर जाऊँगा कलकत्ता

जितेंद्र श्रीवास्तव

वरना मारे जाओगे

अदनान कफ़ील दरवेश

कवि मुक्तिबोध के निधन पर

सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

जनता का आदमी

आलोकधन्वा

अमीर ख़ुसरो

कुँवर नारायण

नौ दिसंबर

अनीता वर्मा

समाधि-लेख

मारीना त्स्वेतायेवा

कानपूर

वीरेन डंगवाल

किसी ने भी छीना नहीं

मारीना त्स्वेतायेवा

अभिनवगुप्त

कुँवर नारायण

सुंदर कविता

प्रदीप सैनी

निराला के प्रति

धर्मवीर भारती

जाग मछंदर

दिनेश कुमार शुक्ल

कवियों की कहानी

कृष्ण कल्पित

जयंती

व्लादिमीर मायाकोव्स्की

सम्मान

आग्नेय

कवि सुंदर

मोनिका कुमार

पूर्वज कवि

महेश वर्मा

खेल के पहले

वास्को पोपा

नेरुदा की मृत्यु पर

एलेन गिन्सबर्ग

दांते की समाधि के पास

निकोलाय ज़बोलोत्स्की

कैमडेन 1892

होर्खे लुइस बोर्खेस

लोर्का

मिक्लोश राद्नोती

बाबा हमारे, नागार्जुन बाबा

शमशेर बहादुर सिंह

आलोकधन्वा के लिए

ज्याेति शोभा

रात

आलोकधन्वा

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

रजिस्टर कीजिए