जीवन पर कविताएँ

जहाँ जीवन को स्वयं कविता

कहा गया हो, कविता में जीवन का उतरना अस्वाभाविक प्रतीति नहीं है। प्रस्तुत चयन में जीवन, जीवनानुभव, जीवन-संबंधी धारणाओं, जीवन की जय-पराजय आदि की अभिव्यक्ति देती कविताओं का संकलन किया गया है।

इतना कुछ था

कुँवर नारायण

नमक

रेनू यादव

आगे जीवन है

अविनाश मिश्र

इसी जन्म में इस जीवन में

केदारनाथ अग्रवाल

हथेलियाँ

रेनू यादव

एक दिन

अखिलेश सिंह

आत्मपरिचय

हरिवंशराय बच्चन

अँधेरे का सौंदर्य-2

घुँघरू परमार

तो फिर वे लोग कौन हैं?

गुलज़ार हुसैन

जीवन-चक्र

रवि प्रकाश

दिशा

केदारनाथ सिंह

सौंदर्य

निरंजन श्रोत्रिय

ओ मेरी मृत्यु!

सपना भट्ट

पितृ-स्मृति

आदर्श भूषण

आत्म-मृत्यु

प्रियंका दुबे

धार

अरुण कमल

लगभग सुखमय!

सुशोभित

दुनियाएँ

प्रदीप्त प्रीत

यहीं

अहर्निश सागर

सेवानिवृत्ति

अविनाश मिश्र

उतना ही असमाप्त

कुँवर नारायण

बेघर

सुधांशु फ़िरदौस

चश्मा

राजेंद्र धोड़पकर

रात दस मिनट की होती

विनोद कुमार शुक्ल

आत्मकथ्य

जयशंकर प्रसाद

मैंने जीवन वरण कर लिया

कृष्ण मुरारी पहारिया

उम्र

सारुल बागला

जड़ें

राजेंद्र धोड़पकर

यह उस रात की कहानी है

प्रदीप अवस्थी

पारिजात

प्राची

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere