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बेला

साहित्य और संस्कृति की घड़ी

11 जून 2025

‘दिल्ली में ‘मुंबई स्टार’’

‘दिल्ली में ‘मुंबई स्टार’’

नादिर ख़ान द्वारा निर्देशित और अवंतिका बहल द्वारा कोरियोग्राफ किया गया, एक बेहतरीन डांस म्यूजिकल द ड्रैगन रोज़ प्रोजेक्ट का ‘मुंबई स्टार’ 14 और 15 जून 2025 को कमानी ऑडिटोरियम में दिल्ली के दर्शकों के

10 जून 2025

‘जब सोशल मीडिया नहीं था, हिंदी कविता अधिक ब्राह्मण थी’

‘जब सोशल मीडिया नहीं था, हिंदी कविता अधिक ब्राह्मण थी’

वर्ष 2018 में ‘सदानीरा’ पर आपकी कविता-पंक्ति पढ़ी थी—‘यह कवियों के काम पर लौटने का समय है’। इस बीच आप फ़्रांस से लौटकर आ गए। इस लौटने में काम पर कितना लौटे आप?  2018 में जब यह कविता-पंक्ति संभव हुई

09 जून 2025

बज़्म-ए-आम : स्वाद, स्मृति और संगीत में रचा-बसा आम का जश्न

बज़्म-ए-आम : स्वाद, स्मृति और संगीत में रचा-बसा आम का जश्न

साहित्य-संस्कृति को समर्पित रचनात्मक पहल कशकोल कलेक्टिव शनिवार 14 जून 2025 को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के फ़ाउंटेन लॉन में बज़्म-ए-आम : आम के नाम एक शाम का आयोजन कर रहा है। यह उत्सव केवल आम के फल का उत्

08 जून 2025

प्रेत के पत्र

प्रेत के पत्र

तुम्हारे जाने के सोलह दिन बाद... डियर जिता, हम कुछ भी हो सकते थे। हम स्कूल से साथ निकलकर अपने-अपने घर जाते हुए थोड़ा-सा बचे रह सकते थे—एक दूसरे के पास! हम उस पहले झगड़े के शब्द बन सकते थे जो हमार

07 जून 2025

प्रेम मेरे पाठ्यक्रम का सबसे कठिन अध्याय है

प्रेम मेरे पाठ्यक्रम का सबसे कठिन अध्याय है

लड़कियों को अक्सर उनका आधा सच ही पता होता है। उम्र जब चौदह की सीढ़ी पर चढ़ती है, तब वह ख़ुद से पूछती है—करियर चुने या प्रेम? प्रेम... जो अभी तक बचपने से लिपटा हुआ है, जो देह की चाहत में उलझा एक भ्र

06 जून 2025

ग्लोबल विलेज के शोर में पुरबिया गाँव

ग्लोबल विलेज के शोर में पुरबिया गाँव

यह संस्मरण भूमंडलीय पीढ़ी का देहाती क़िस्सा है। गाँव-देहात को इसलिए नहीं याद कर रहा हूँ कि मेरे पास कुछ कहने के लिए कुछ यादें हैं, बल्कि इसलिए याद कर रहा हूँ कि मेरी पीढ़ी ने बदलावों को इतने तीव्र गति

05 जून 2025

माही मार रहा है

माही मार रहा है

आईपीएल ख़त्म हो गया। आख़िरकार ‘आरसीबी’ [रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु] ने अपना पहला खिताब जीत ही लिया। विराट कोहली का अठारह साल का इंतिज़ार समाप्त हुआ। अंतिम ओवर में वह भावुक होकर रोने लगे। कोई भी होगा उसका इ

04 जून 2025

जियत न परसिन माँड़ मरे परोसा खाँड़

जियत न परसिन माँड़ मरे परोसा खाँड़

—मुझे पूरा विश्वास है कि प्रभात रंजन शशिभूषण द्विवेदी के जनाज़े में शामिल हुए थे। —आपको कैसे इतना यक़ीन है? —प्रभात रंजन शशिभूषण द्विवेदी के पक्के साहित्यिक मित्र रहे हैं। —उससे क्या होता है?

04 जून 2025

'संतोष' और बॉलीवुड का दलित सिनेमा

'संतोष' और बॉलीवुड का दलित सिनेमा

सिनेमा एक दर्पण है, जिसके माध्यम से हम अक्सर ख़ुद को देखते हैं। — एलेजांद्रो गोंज़ालेज़ इनारितु  साहित्य समाज का दर्पण है—बचपन में इस विषय पर निबंध लिखते हुए पता नहीं था कि एक दिन सिनेमा भी समा

03 जून 2025

पत्र : अभिभावकों-सहयात्रियों-कला में विश्वास रखने वालों के नाम

पत्र : अभिभावकों-सहयात्रियों-कला में विश्वास रखने वालों के नाम

भोपाल   25 मई 2025 प्रिय अभिभावकों, सहयात्रियो और कला में विश्वास रखने वालों के प्रति... विहान ड्रामा वर्क्स : ‘स्वप्नयान—बाल नाट्य कार्यशाला’ में भाग लेने वाले सभी बच्चों के अभिभावकों को ढेर

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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