उम्मीद पर बेला

26 फरवरी 2025

हमें खिड़कियों की ज़रूरत है

हमें खिड़कियों की ज़रूरत है

खिड़कियों के बाहर कई तरह के रंग होते हैं, धरती के भी-आसमान के भी। पर खिड़कियाँ अपने रंगों से नहीं अपने हवादार होने से जानी जाती हैं। वे इतनी बड़ी नहीं होतीं कि दरवाज़ा हो जाएँ, न इतनी छोटी कि आप झरोखा य

23 जनवरी 2025

उम्मीद का चक्र जब पूरा होता है, तब ज़िंदगी कहाँ होती है!

उम्मीद का चक्र जब पूरा होता है, तब ज़िंदगी कहाँ होती है!

सुंदरता की अपने तहें होती हैं। बहुत मुलायम और क्रूर भी। मन हमेशा इतना ही अनजान रहता है कि वह परतों के इस जमावड़े को भूल जाए। कहाँ ध्यान रहता है कि सुख के किस क्षण ने हाल में फूटे दुखों के ज्वालामुखी