साहित्य और संस्कृति की घड़ी
पिछले बरस एक ख़बर पढ़ी थी। मुंगेर के टेटिया बंबर में, ऊँचेश्वर नाथ महादेव की पूजा करने पहुँचे प्रेमी युगल को गाँव वालों ने पकड़कर मंदिर में ही शादी करा दी। ख़बर सार्वजनिक होते ही स्क्रीनशॉट, कलात्मक-कैप्
इस वर्ष का अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार भारतीय लेखिका बानू मुश्ताक़ के कथा संकलन ‘हार्ट लैंप’ को मिला है। बानू मुश्ताक़ कन्नड़ भाषा की कथाकार हैं। उनके कथा-संकलन ‘हार्ट लैंप’ का अनुवाद दीपा भास्ती ने कि
शिल्प और कथ्य जुड़वाँ भाई थे! शिल्प और कथ्य के माता-पिता कोरोना के क्रूर काल के ग्रास बन चुके थे। दोनों भाई बहुत प्रेम से रहते थे। एक झाड़ू लगाता था एक पोंछा। एक दाल बनाता था तो दूसरा रोटी। इसी तर
समादृत कवि-कथाकार विनोद कुमार शुक्ल 59वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किए गए हैं। ज्ञानपीठ पुरस्कार भारतीय साहित्य के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है। वर्ष 1961 में इस पुरस्कार की स्थापना ह
कुछ रोज़ पूर्व एक सज्जन व्यक्ति को मैंने कहते सुना, “रणवीर अल्लाहबादिया और समय रैना अश्लील हैं, क्योंकि वे दोनों अगम्यगमन (इन्सेस्ट) अथवा कौटुंबिक व्यभिचार पर मज़ाक़ करते हैं।” यह कहने वाले व्यक्ति का
यह भी ब्लैक हिस्ट्री का एक चमकदार अध्याय है। 2 फ़रवरी 2025 की रात कैलिफ़ोर्निया में अफ़्रीकन-अमेरिकन सिंगर-डांसर बियोन्से नोल्स को कंट्री म्यूज़िक कैटेगरी में ‘काउबॉय कार्टर’ के लिए ग्रैमी का ‘एलबम ऑफ़ द
अष्टभुजा शुक्ल कहते हैं— “और कोई आए-न-आए लेकिन कुंभ आएगा... ...कुंभ आ रहा है, बल्कि कुंभ आ चुका है।” जब महाकुंभ का आगमन हो रहा था तब मैंने यह पंक्तियाँ उद्धृत की थी। लेकिन अब महाकुंभ बीत गया त
मोबाइल में क्या आएगा, ये कौन तय कर रहा है? दुर्भाग्य से ये अब हमारी सरकारों के हाथ से भी बाहर निकल गया है। आप यूट्यूब पर प्रासंगिक बने रहना चाहते हैं तो उसी विषय पर बात करें जिस पर बात हो रही है। कमा
आजकल पत्नी को निहार रहा हूँ, सच पूछिए तो अपनी किस्मत सँवार रहा हूँ। हुआ यूँ कि रिटायरमेंट के कुछ माह पहले से ही सहकर्मीगण आकर पूछने लगे—“रिटायरमेंट के बाद क्या प्लान है चतुर्वेदी जी?” “अभी तक
मैं बहुत लंबे समय से इस बात पर चिंतन कर रहा हूँ और यह कितना सही और ग़लत है—यह तो खोजना होगा; पर मैं मान कर चल रहा हूँ कि रोमांस मर चुका है। उसके साथ ही मर चुका है साहित्य। कला दम तोड़ रही है। अगर यह क