Font by Mehr Nastaliq Web

वसंत पर कविताएँ

वसंत को ऋतुराज कहा गया

है, जब प्रकृति शृंगार करती है। प्रकृति-काव्य का यह प्रमुख निमित्त रहा है। नई कविताओं ने भी वसंत की टेक से अपनी बातें कही हैं। इस चयन में वसंत विषयक कविताओं को शामिल किया गया है।

वीरों का कैसा हो वसंत?

सुभद्राकुमारी चौहान

बसंती हवा

केदारनाथ अग्रवाल

अंतिम दो

अविनाश मिश्र

याद

कैलाश वाजपेयी

पलाश

मनोज कुमार पांडेय

भरोसा

सारुल बागला

जेएनयू में वसंत

आमिर हमज़ा

वसंत

उदय प्रकाश

पहली बारिश

सुधांशु फ़िरदौस

वसंत

राकेश रंजन

वसंत की शामें

संजीव मिश्र

पतझड़

विलियम बटलर येट्स

स्वीकृति

अलेक्सांद्र ब्लोक

यहाँ भी है वसंत

एल्वी सिनेर्वो

दुबारा वसंत

बोरीस पस्तेरनाक

वसंत रात्रि का गीत

एल्वी सिनेर्वो

वसंत के एक दिन : दोपहर के चार बजे

वोत्येज्स्लव नेज्वल

जापानी कविता का अनुकरण

विलियम बटलर येट्स

कठ-करेज समय

रूपम मिश्र

ख़ुशनुमा मौसम

ओरहान वेली

वसंत का गीत

फेदेरीको गार्सिया लोर्का

सुहावना वसंत

यीव बोनफ़्वा

वसंत में मरे लोग

सत्यव्रत रजक

प्रतीक्षा

मनोज कुमार झा

बसंत की देह

ज्याेति शोभा

वसंत

रघुवीर सहाय

वसंत-राग

सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

वसंत

अखिलेश श्रीवास्तव

वसंत में

अमन त्रिपाठी

आया बसंत

वी. रामालिंगम पिल्लै

बीच का बसंत

विजय देव नारायण साही

वसंत के नाम पर

रामधारी सिंह दिनकर

वसंत में इस बार

अवधेश कुमार

अँधेरे में वसंत

लीलाधर जगूड़ी

फ़रवरी का स्वागत

वीरेन डंगवाल

वसंत आया

रघुवीर सहाय

वसंत

दूधनाथ सिंह

तब समझूँगा आया वसंत

शिवमंगल सिंह 'सुमन'

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

रजिस्टर कीजिए