सुबह पर गीत

भोर से हो गई शाम

अन्नू रिज़वी

बीती विभावरी जाग री

जयशंकर प्रसाद

सजल है कितना सवेरा!

महादेवी वर्मा

सबेरे-सबेरे

देवेंद्र कुमार बंगाली

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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