चुंबन पर कविताएँ

चुंबन प्रेमाभिव्यक्ति

का एक ख़ास स्पर्श है और बेहद नैसर्गिक है कि हर युग हर भाषा के कवि इसके अहसास की अभिव्यक्ति को प्रवृत्त हुए हैं। इस चयन में चूमने के प्रसंगों के साथ प्रेम के इर्द-गिर्द डूबती-इतराती कविताएँ हैं।

चोरी

गीत चतुर्वेदी

गुनाह का दूसरा गीत

धर्मवीर भारती

स्त्री के पैरों पर

प्रियंका दुबे

तिल

पंकज चतुर्वेदी

बोझ

गीत चतुर्वेदी

पहला चुंबन

अशोक वाजपेयी

चुंबन

अमित तिवारी

जाना

अमित तिवारी

चुम्बन काम न आएगा

कुशाग्र अद्वैत

पलभर के लिए मणिका

प्रसन्न कुमार मिश्र

मेहनताना

सुधांशु फ़िरदौस

चुम्बन

सौरभ मिश्र

चुंबन

इब्बार रब्बी

चुंबन

वसु गंधर्व

घटना से परे

साैमित्र मोहन

असंबद्ध

गीत चतुर्वेदी

चुंबन

धर्मवीर भारती

चूमना

रवि प्रकाश

चूमना

धर्मेश

छूना

रमाशंकर सिंह

अभिसार

प्रतिभा शतपथी

माथा चूमने पर

मारीना त्स्वेतायेवा

पसलियाँ

प्रियंका दुबे

चुंबन

मंगलेश डबराल

होंठों की जुंबिश

प्रदीप्त प्रीत

जैसे वह एक आँसू था

पंकज चतुर्वेदी

पहला प्यार

साैमित्र मोहन

मुंबई 2017

गिरिराज किराडू

तुम्हें चूमना

प्रदीप सैनी

चुंबन-सा अनगढ़

पल्लवी विनोद

चार कविताएँ

दुर्गाचरण परिड़ा

जिस तरह वृहद आकाश

पूनम अरोड़ा

चुम्बन

सुघोष मिश्र

रात चूमती है

सविता सिंह

चार चुंबन

संजय शेफर्ड

चुंबन

मीनाक्षी जिजीविषा

भविष्य

मनोज कुमार पांडेय

वही एक

पारुल पुखराज

‘भरपाई’

बबली गुज्जर

चुंबन

आयुष झा

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere