चोर पर कविताएँ

चोरी करने वाला व्यक्ति

चोर कहा जाता है। चौर्यकर्म में निहित रहस्यात्मकता, कौतुक, दुस्साहसिकता के कारण कवियों द्वारा चोर पर्याप्त आकर्षण से कविता में तलब किए जाते रहे हैं।

चोरी

गीत चतुर्वेदी

जेबक़तरे

अविनाश मिश्र

चोर

हरि मृदुल

चाँद की चोरी

अरुण शीतांश

किंतु वे ख़ामोश रहे

शिवमंगल सिद्धांतकर

अस्तेय

तिरुवल्लुवर

चोरी

नीलेश रघुवंशी

उधर के चोर

अरुण कमल

रहस्य-15

सोमेश शुक्ल

साइकिल चोर

अनिरुद्ध उमट

मुख़बिर निशान

सरबजीत गरचा

झारखंड एक्सप्रेस-4

अरुण चंद्र राय

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere