कोरोना पर कविताएँ

साल 2019 के आख़िरी महीने

में दृश्य में आई कोरोना महामारी ने सारे संसार को प्रभावित और विचलित किया। साहित्य का संसार भी इस आपदा से अछूता नहीं रहा। संसार की कई भाषाओं में इस दरमियान कोरोना-केंद्रित साहित्य रचा गया। हिंदी में भी इसकी प्रचुरता रही। हिंदी कविता के लगभग सभी प्रमुख कवियों ने कोरोना और उससे उपजे असर को अपनी कविता का विषय बनाया।

नवस्तुति

अविनाश मिश्र

इच्छा

सौरभ अनंत

ओ मेरी मृत्यु!

सपना भट्ट

मर्सिया

अंचित

सभ्यताओं के मरने की बारी

जसिंता केरकेट्टा

कोरोना काल में

पंकज चतुर्वेदी

2020 में गाँव की ओर

विष्णु नागर

उम्मीदें

दर्पण साह

ओ माँ

अमन त्रिपाठी

शोक

आशुतोष कुमार

मनुष्य

विमल चंद्र पांडेय

स्पर्श

मदन कश्यप

निष्कर्ष

शुभांकर

कभी-कभी ऐसा भी होता है

पंकज चतुर्वेदी

ख़तरा

कुमार अम्बुज

2020

संजय चतुर्वेदी

अब पानी बरसेगा तो

सौम्य मालवीय

मौत

अतुल

कोरोना

अमिताभ

विलाप-2/जून

सौरभ कुमार

विलाप-1/मई

सौरभ कुमार

गिद्ध कलरव

अणुशक्ति सिंह

कोरोना में किचेन

श्रीप्रकाश शुक्ल

एक दृश्य

सारुल बागला

जीवन और मृत्यु

लक्ष्मण गुप्त

मोना लिसा 2020

विनोद भारद्वाज

प्रतीक्षा है

बोधिसत्व

जा रहे हम

संजय कुंदन

धितांग

जोशना बैनर्जी आडवानी

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere