मातृभूमि पर कविताएँ

सोवियत रूस

सर्गेई येसेनिन

आँसू

दुन्या मिखाइल

काहिरा की एक गली

अशरफ़ अबूल-याज़िद

किरोव हमारे साथ है

निकोलाई तिखोनोव

निर्वासित

ली मिन-युंग

रूस

अलेक्सांद्र ब्लोक

फिर जन्म लूँगी उड़ीसा में

मनोरमा बिश्वाल महापात्र

विलाप नहीं

कुमार वीरेंद्र

अपना देश

एलांगबम नीलकांत सिंह

नक़ली क़िला

मैथिलीशरण गुप्त

हरेक की ओर

मारीना त्स्वेतायेवा

धरती माता

नरसिंहाचार्युलु वेमुगंटि

भारतवर्ष

मैथिलीशरण गुप्त

यादगार

अलेक्सांद्र पूश्किन

विशाल-भारत

मैथिलीशरण गुप्त

विरासत

ग़ुलाम मोहम्मद ग़मगीन

जय माँ मणिपुर

अशांगबम मीनकेतन सिंह

वंदे उत्कल जननी

लक्ष्मीकांत महापात्र

जन्मभूमि आज

बीरेंद्र चट्टोपाध्याय

हम कंढी के लोग

नरसिंह देव जम्वाल

यह पीपल का पेड़

तारा स्मैलपुरी

जड़ों में कीलें

द्वारिका उनियाल

प्रबोध

रायप्रोलु वेंकट सुब्बाराव

सोचा न था ऐसा होगा

हरप्रसाद दास

जन्मभूमि

अशोक महान्ती

सोरठ

नारायण सिंह भाटी

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere