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अरबी कविता पर कविताएँ

कविता की आत्मा

महमूद दरवेश

लड़की / चीख़

महमूद दरवेश

उदासीन

महमूद दरवेश

टेक एक ज़िंदगी की

महमूद दरवेश

बरसात

अशरफ़ अबूल-याज़िद

काहिरा की एक गली

अशरफ़ अबूल-याज़िद

विलोम

महमूद दरवेश

दो अजनबी

महमूद दरवेश

नुक़्त-ए-नज़र

महमूद दरवेश

शाल एक रेशमी

महमूद दरवेश

हुलिया

महमूद दरवेश

बेन्हा

अशरफ़ अबूल-याज़िद

लाड़

अशरफ़ अबूल-याज़िद

क़ैदख़ाना

अशरफ़ अबूल-याज़िद

बुत का हाथ

महमूद दरवेश

आँसू

दुन्या मिखाइल

मैं शुक्रगुज़ार हूँ...

दुन्या मिखाइल

उसने उससे कहा

महमूद दरवेश

झेंपते हुए

महमूद दरवेश

आधे-अधूरे

महमूद दरवेश

पुष्प

दुन्या मिखाइल

एक नदी

अशरफ़ अबूल-याज़िद

नीरो

महमूद दरवेश

हरी मक्खियाँ

महमूद दरवेश

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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