उदासी पर कविताएँ

विदा

तादेऊष रूज़ेविच

हम रोते थोड़ी हैं पागल

प्रदीप अवस्थी

शहर की हवा

शाम्भवी तिवारी

और नहीं

चेस्लाव मीलोष

विशाल में प्रवेश

सत्यव्रत रजक

वह पीड़ा अस्वीकार की

प्रदीप अवस्थी

पहाड़

महिमा कुशवाहा

सुख

महिमा कुशवाहा

गौला

कुमार मंगलम

ख़ालीपन

उज्ज्वल शुक्ल

कहाँ

अमित तिवारी

शहर का नाम

कुमार विकल

दुखी दिनों में

कुमार विकल

रात

महिमा कुशवाहा

आख़िरी पड़ाव के दुःख

उज्ज्वल शुक्ल

बहनें

निवेदिता झा

अगर कवि नहीं होता

कुंदन सिद्धार्थ

ऋण

कुमार मंगलम

दु:ख

ऋतु त्यागी

ये उदासी-भरी शाम

मंगेश पाडगाँवकर

कई सदी की उदासी

अपूर्वा श्रीवास्तव

उदासी

श्रुति कुशवाहा

संघर्ष

तजेंद्र सिंह लूथरा

महत्वाकांक्षाएँ

सुधा उपाध्याय

सुख-दुख

कौशल किशोर

वितान—

नितेश व्यास

दुख बहस के बीच

कौशल किशोर

ख़ुद से उदास तितली

भूपिंदर प्रीत

उदासियाँ

आशीष त्रिपाठी

व्यथा

महेश कुमार जोशी

दुख

निवेदिता झा

क्या मुस्कुराना छोड़ दूँ...

ज्ञानराज माणिकप्रभु

दुख की जड़ में था प्रेम

कुंदन सिद्धार्थ

अश्रु मेरे धित् अभागे

आकृति विज्ञा 'अर्पण’

दुख यदि जाना मेंरा उसने...

ज्ञानराज माणिकप्रभु

उदासियाँ

आशीष त्रिपाठी

कमरा

केतन यादव

छल

कुंदन सिद्धार्थ

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere