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उदासी पर कविताएँ

विदा

तादेऊष रूज़ेविच

हम रोते थोड़ी हैं पागल

प्रदीप अवस्थी

उदासीन

महमूद दरवेश

शहर की हवा

शाम्भवी तिवारी

माँ के लिए

येहूदा आमिखाई

चाँदनी

हो चि मिन्ह

किसी मलमास साल में

येहूदा आमिखाई

प्रार्थना

अन्तोन्यो रिनाल्दी

और नहीं

चेस्लाव मीलोष

जनाज़ा

लेओपोल्दो मारेचाल

आँगन

होर्खे लुइस बोर्खेस

मन में क्षीण होती है याद

अन्ना अख्मातोवा

शाम

हो चि मिन्ह

विशाल में प्रवेश

सत्यव्रत रजक

सारी रात

यीव बोनफ़्वा

वह पीड़ा अस्वीकार की

प्रदीप अवस्थी

अकारण उदासी

राफाएल एस्त्रादा

द्वीप

विल्बेर्तो कांतोन

पहाड़

महिमा कुशवाहा

सुख

महिमा कुशवाहा

ख़ालीपन

उज्ज्वल शुक्ल

गौला

कुमार मंगलम

कहाँ

अमित तिवारी

शहर का नाम

कुमार विकल

दुखी दिनों में

कुमार विकल

आख़िरी पड़ाव के दुःख

उज्ज्वल शुक्ल

रात

महिमा कुशवाहा

नश्वर

कलानाथ मिश्र

बहनें

निवेदिता झा

ऋण

कुमार मंगलम

दु:ख

ऋतु त्यागी

अगर कवि नहीं होता

कुंदन सिद्धार्थ

ये उदासी-भरी शाम

मंगेश पाडगाँवकर

कई सदी की उदासी

अपूर्वा श्रीवास्तव

उदासी

श्रुति कुशवाहा

संघर्ष

तजेंद्र सिंह लूथरा

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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