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राल्फ़ वाल्डो इमर्सन

1803 - 1882

सुप्रसिद्ध अमेरिकी दार्शनिक, निबंधकार और कवि। ट्रांसेंडेंटलिज़्म आंदोलन में योगदान।

सुप्रसिद्ध अमेरिकी दार्शनिक, निबंधकार और कवि। ट्रांसेंडेंटलिज़्म आंदोलन में योगदान।

राल्फ़ वाल्डो इमर्सन के उद्धरण

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सुखी है वह मनुष्य जो अतिथि को देखकर कभी मुँह नहीं लटका लेता है, अपितु हर अतिथि का प्रसन्नतापूर्वक स्वागत करता है।

निर्धन अनुभव करने में ही निर्धनता है।

स्वच्छ क्रांति तो प्रेम न्याय के सिद्धांत से ही हो सकती है।

इतिहास का प्रयोजन वर्तमान समय और उसके अनुसार कर्तव्य को महत्त्व देना है।

स्वयं अपने विचार पर विश्वास करना, जो तुम्हारे अपने व्यक्तिगत हृदय में तुम्हारे लिए सत्य है, उस पर विश्वास करना कि वह सबके लिए सत्य है—यही प्रतिभा है।

उपन्यासों का प्रेम इंद्रियों पर भावना की वरीयता है।

कला ईर्ष्यालु प्रेयसी है।

बुद्धि के आधिक्य से बुद्धिमान व्यक्ति मूर्ख बन जाता है।

कार्य करने वाले में थोड़ा कट्टरपन हुए बिना तेजस्वी कार्य नहीं हो सकता।

बिना उत्साह के कोई महान उपलब्धि कभी नहीं हुई।

प्रत्येक व्यक्ति यह चिंता करता है कि उसका पड़ोसी उसे ठग ले। किंतु एक दिन ऐसा आता है जब वह यह चिंता करना प्रारंभ करता है कि कहीं वह अपने पड़ोसी को ठग ले। तब सब ठीक चलता है। अब वह अपनी बाजार-गाड़ी को सूर्य रथ में परिवर्तित कर चुका है।

यदि मेरे संध्याकालीन अतिथि घड़ी नहीं देख सकते तो उन्हें मेरे मुखमंडल में समय देख लेना चाहिए।

जैसे मनुष्यों की प्रार्थनाएँ उनकी इच्छा का रोग हैं, वैसे ही उनके मतवाद उनकी बुद्धि के रोग हैं।

महापुरुष वे हैं जो देखते हैं कि भौतिक बल से आध्यात्मिक बल अधिक सशक्त है तथा संसार पर विचार शासन करते हैं।

आत्मविश्वास सफलता का प्रथम रहस्य है।

जब प्रकृति को कोई कार्य संपन्न कराना होता है तो उन वह उसको करने के लिए एक प्रतिभा का निर्माण करती है।

आविष्कार से आविष्कार का जन्म होता है।

वह महान व्यक्ति है जो कुछ भी है प्रकृति से ही है और जो हमें कभी भी दूसरों का स्मरण नहीं कराता है

ज्ञान भय की औषधि है।

जीवन एक आश्यर्य श्रृंखला है।

सारी मानव जाति प्रेमी को प्यार करती है।

वास्तव में इतिहास है ही नहीं, केवल जीवनचरित्र ही हैं।

हर नेता अन्ततः उबाऊ हो जाता है।

मित्र को प्रकृति की उत्कृष्ट कृति माना जा सकता है।

यथार्थ में इतिहास कुछ नहीं है, केवल जीवनचरित्र है।

प्रत्येक महान व्यक्ति अनुपम होता है।

हम प्रतीक हैं और प्रतीकों का निषेध करते हैं।

सुसंपन्न कार्य का पुरस्कार, उसका संपन्न कर लेना ही है।

जो निर्वाचन में भाग नहीं लेते, वे यह विचारते हैं कि एक वोट से कुछ लाभ नहीं होगा। एक पग आगे का यह विचार है कि एक वोट से कोई हानि नहीं होगी।

जिस जहाज़ में हम यात्रा कर रहे हों, उसके अतिरिक्त प्रत्येक जहाज़ रोमानी वस्तु होता है।

अच्छा पाठक ही पुस्तक को अच्छा बनाता है।

हम सदैव जीने के लिए तैयारी कर रहे होते हैं, पर जीते कभी नहीं हैं।

प्रातःकाल मनुष्य अपने संपूर्ण शरीर से चलता है किंतु वृद्ध पुरुष कार्य के प्रारंभ में। सायंकाल को केवल टाँगों से।

कोई भी पुस्तक जो एक वर्ष पुरानी हो कभी मत पढ़ो।

मित्र पाने का एक मात्र उपाय (स्वयम्) मित्र बनना है।

सब कुछ पहेली है और एक पहेली का हल दूसरी पहेली है।

स्वयं पर आग्रह करो; अनुकरण मत करो।

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