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चेहरा पर उद्धरण

चेहरा किसी व्यक्ति की

पहचान से संलग्न है और इस आशय में उसके पूरे अस्तित्व से जुड़ा प्रसंग है। भाषा ने चेहरे पर उठते-गिरते भावों के लिए मुहावरे गढ़े हैं। उसे आईना भी कहा गया है। इस चयन में चेहरे को प्रसंग बनातीं कविताएँ संकलित हैं।

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अगर किसी प्रेमी का चेहरा आपके दिल पर अंकित है, तो दुनिया अभी भी आपका घर है।

ओरहान पामुक
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चेहरे को चेहरा कहने की अपेक्षा उसे अनंत सौंदर्य का दर्शन कहना सत्य के अधिक निकट होगा।

रघुवीर चौधरी
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चेहरे के समान धुन की भी एक शक्ल होती है।

लुडविग विट्गेन्स्टाइन
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बहुत पहले ही मैं यह समझ गया था कि इस पृथ्वी पर ऐसी कोई चीज़ नहीं है, जिसमें संभावित नर्क के बीज हों; एक चेहरा, एक शब्द, एक कम्पास या एक सिगरेट का विज्ञापन, जैसी चीज़ें मनुष्य को पागल बनाने में सक्षम हैं; अगर वह उन्हें भूल नहीं पाए।

होर्खे लुइस बोर्खेस
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आपको अपनी शैली की कमियों को, अपने चेहरे के दाग़ की तरह, स्वीकार करना होगा।

लुडविग विट्गेन्स्टाइन
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काल हम सबको अपने मुख में रखे है, और नचा रहा है। जीवन डोरी कच्चे सूत से भी कच्ची है, थोड़े दिन में दुनिया से मिट जाना है तब कर्त्तव्य से क्यों भ्रष्ट हों, क्यों काम, क्रोध में जीवन गँवा दें?

महात्मा गांधी
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रूप, गौरव का कारण होता है और कुल। नीच हो या महान उसका कर्म ही उसकी शोभा बढ़ाता है।

भास
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कुरूप व्यक्ति जब तक दर्पण में अपना मुँह नहीं देख लेता, तब तक वह अपने को दूसरों से अधिक रूपवान समझता है।

वेदव्यास
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स्पष्टवादिता मनुष्य का एक उच्च गुण है।

प्रेमचंद
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जब तुम किसी व्यक्ति से बोलो, तो उसके नेत्रों की ओर देखो; जब वह तुम से बोले, तो तुम उसके मुख की ओर देखो।

बेंजामिन फ़्रैंकलिन
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झूठ की सूरत देखने में कैसी चिकनी-चुपड़ी होती है।

भारतेंदु हरिश्चंद्र
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यदि मेरे संध्याकालीन अतिथि घड़ी नहीं देख सकते तो उन्हें मेरे मुखमंडल में समय देख लेना चाहिए।

राल्फ़ वाल्डो इमर्सन
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ईश्वर के अनेक रूप हैं जिससे वह मानव में विकसित होता है।

श्री अरविंद
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अगर चेहरे गढ़ने हों तो अत्याचारी के चेहरे खोजो अत्याचार के नहीं।

रघुवीर सहाय
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चेहरा दिखाने की ख़्वाहिश? चेहरे देखने की ख़्वाहिश? ग़लत ख़्वाहिश।

कृष्ण बलदेव वैद
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अगर आपका चेहरा टेढ़ा है तो दर्पण को दोष देने का कोई लाभ नहीं है।

निकोलाई गोगोल
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चेहरा कितनी विकट चीज़ है जैसे-जैसे उम्र गुज़रती है वह या तो एक दोस्त होता जाता है या तो दुश्मन।

रघुवीर सहाय

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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