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मनुष्यता पर कविताएँ

मनुष्यता

मैथिलीशरण गुप्त

अंश

मिक्लोश राद्नोती

शोधन

तादेऊष रूज़ेविच

सौभाग्य

तादेऊष रूज़ेविच

आदमखोरों के नाम पत्र

तादेऊष रूज़ेविच

ईश्वर क्या है?

डैनियल वाएसबोर्ट

इक लावारिस सवाल

रमेश क्षितिज

सो जाओ

मिक्लोश राद्नोती

ईश्वर और फ़रिश्ते

डैनियल वाएसबोर्ट

वन

गुलाब नबी फ़िराक़

जितना ऊँचा उठता है आदमी

शेषेन्द्र शर्मा

ज़िंदगी के बीच में

तादेऊष रूज़ेविच

मनुज

गेवोर्ग यमिन

जीवन के बीच में

तादेऊष रूज़ेविच

नवागंतुक जीव

थाङ्जम इबोपिशक सिंह

स्वर्गीय-संगीत

मैथिलीशरण गुप्त

युद्ध

मोहन सिंह सलाथिया

मानव चेहरों के सौंदर्य पर

निकोलाय ज़बोलोत्स्की

ढेरी हो जाने तक

ओम पुरोहित ‘कागद’

बहाना

साँवर दइया

गंगा-जल

बच्चा लाल 'उन्मेष'

जीना

आशीष त्रिपाठी

एक अप्रत्याशित भेंट

वीस्वावा षिम्बोर्स्का

और उधर हैं वो अँधेरे हालात

बेर्टोल्ट ब्रेष्ट

सरिता

स्तेपान श्चिपाचोव

उनमें केवल तुम ही थे

खेमकरण ‘सोमन’

प्राण

रवींद्रनाथ टैगोर

पुरुष

श्रुति कुशवाहा

इंतज़ार

जसवीर कालरवी

नई सदी में

गुरभजन गिल

अभी मन उदास है?

कँवलजीत भुल्लर

समय और आदमी

रसूल हमज़ातोव

मँगरा कीड़ा

चंद्रेश्वर

विज्ञापन, खबरें और हम

दीप्ति कुशवाह

इश्क़ उर्दू है

प्रेमा झा

यात्री

जीवनानंद दास

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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