विभाजन पर कविताएँ

विभाजन का अर्थ हैं बाँटा

जाना—बँटवारा। भारत-पाक विभाजन मानवीय इतिहास की क्रूर घटनाओं में से एक है, जिसकी कटु स्मृतियाँ हमें आज भी कचोटती हैं। इसके अतिरिक्त भी विभाजन के विविध स्तर हैं, जिनसे समय-समय पर मनुष्य-जाति और संस्कृतियाँ गुज़रती रही और रहती हैं। यहाँ प्रस्तुत है—विभाजन विषयक आधुनिक कविताओं से एक अपूर्व चयन।

नूर मियाँ

रमाशंकर यादव विद्रोही

एक अन्य युग

अविनाश मिश्र

1947 में

पंकज चतुर्वेदी

घर

जसवीर कालरवी

इंतज़ार

जसवीर कालरवी

बेबे हंसो

सरवण मिन्हास

दो सवाल

हरीशचंद्र पांडे

टोबा टेक सिंह की धरती पर

सत्येंद्र कुमार

टप्पा और पाकिस्तान

यतींद्र मिश्र

मजदूर का हिस्सा

धनंजय मल्लिक

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere