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कवियों की सूची

सैकड़ों कवियों की चयनित कविताएँ

समादृत बहुविद कवि-साहित्यकार-चित्रकार-दार्शनिक और समाज-सुधारक। राष्ट्रीय गान के रचयिता। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।

समादृत समाजशास्त्री, चिंतक और कवि-लेखक। 'इंडियन सोसाइटी', 'कल्चर एंड सोसाइटी', 'सोशल थिंकिंग इन इंडिया' आदि कृतियों के रूप में अपूर्व योगदान।

‘बिहगी कवि’ के रूप में समादृत असमिया कवि-लेखक-संपादक। प्रकृति-विषयक कविताओं के लिए उल्लेखनीय।

समादृत गुजराती उपन्यासकार, कवि, आलोचक और स्तंभकार। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

आधुनिक हिंदी कविता के प्रमुख कवि और अनुवादक। अपनी पत्रकारिता और कहानियों के लिए भी प्रसिद्ध। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

हिंदी यात्रा साहित्य के जनक के रूप में समादृत लेखक, इतिहासकार, बौद्ध विद्वान और बहुभाषाविद्। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

प्रसादयुगीन महत्त्वपूर्ण कवि-गद्यकार-संपादक और कला-इतिहासकार। भारतीय कला आंदोलन में योगदान और गद्य-गीत के प्रणयन के लिए उल्लेखनीय।

अकविता दौर के चर्चित कवि-कथाकार। भाषा में गद्य के क्रोध और कविता की करुणा के लिए चिह्नित।

सुप्रसिद्ध अमेरिकी दार्शनिक, निबंधकार और कवि। ट्रांसेंडेंटलिज़्म आंदोलन में योगदान।

स्वतंत्रता सेनानी, समाजवादी नेता और प्रखर चिंतक। 'भारत में समाजवाद', 'जाति और राजनीति', 'संपत्ति और समाजवाद' आदि उल्लेखनीय कृतियाँ।

समादृत भारतीय संत, जीवन-मुक्त और दार्शनिक। 'मैं कौन हूँ?' के आत्म-अन्वेषण मार्ग के प्रतिपादक।

समादृत कवि और निबंधकार। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।

समादृत कवि, एकांकीकार और आलोचक। पद्मभूषण से सम्मानित।

समादृत आलोचक। अज्ञेय द्वारा संपादित ‘तार सप्तक’ के कवि। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

प्रगतिशील कथाकार। कहानी, उपन्यास, नाटक, आलोचना, अनुवाद आदि गद्य विधाओं के साथ-साथ पद्य लेखन में भी प्रवीण। 'मुर्दों का टीला' ख्याति का मूल आधार।

बोहेमियन-ऑस्ट्रियाई कवि और उपन्यासकार। अपनी विशिष्ट शैली, दृष्टि और अभिव्यक्ति के लिए समादृत।

समादृत तेलुगु कवि-गीतकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

रूसो

1712 -1778

18वीं सदी के महान दार्शनिक, लेखक, राजनीतिक चिंतक और समाज सुधारक।

9वीं शताब्दी में कश्मीर क्षेत्र में सक्रिय सुप्रसिद्ध संस्कृत काव्यशास्त्री। 'काव्यालंकार' कृति के लिए उल्लेखनीय।

रूमी

1207 -1273

संसारप्रसिद्ध सूफ़ी कवि और रहस्यवादी संत। 'मसनवी-ए-मा’नवी', 'फ़िहि माफ़ीह' और 'दीवान-ए-शम्स तबरेज़ी' उल्लेखनीय कृतियाँ।

गौड़ीय वैष्णव परंपरा के प्रमुख आचार्य, संत, भक्त, कवि और दार्शनिक।