राय कृष्णदास की संपूर्ण रचनाएँ
कहानी 1
उद्धरण 1

अपने पद-पद्म पराग से मुझे अपने घट को नित्य माँजने दे और उसके मधु-मकरंद से इसे पूर्णतया भरने दे, यही एकमात्र प्रार्थना है।
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1892 - 1980 | वाराणसी, उत्तर प्रदेश
प्रसादयुगीन महत्त्वपूर्ण कवि-गद्यकार-संपादक और कला-इतिहासकार। भारतीय कला आंदोलन में योगदान और गद्य-गीत के प्रणयन के लिए उल्लेखनीय।
प्रसादयुगीन महत्त्वपूर्ण कवि-गद्यकार-संपादक और कला-इतिहासकार। भारतीय कला आंदोलन में योगदान और गद्य-गीत के प्रणयन के लिए उल्लेखनीय।