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रुद्रट

9वीं शताब्दी में कश्मीर क्षेत्र में सक्रिय सुप्रसिद्ध संस्कृत काव्यशास्त्री। 'काव्यालंकार' कृति के लिए उल्लेखनीय।

9वीं शताब्दी में कश्मीर क्षेत्र में सक्रिय सुप्रसिद्ध संस्कृत काव्यशास्त्री। 'काव्यालंकार' कृति के लिए उल्लेखनीय।

रुद्रट की संपूर्ण रचनाएँ

उद्धरण 1

समाहित चित्त में, जिसका उन्मेष होने पर प्रसन्न पदावली में अभिधेय अर्थ का अनेक प्रकार से प्रस्फुरण होता है, वही शक्ति अथवा प्रतिभा है।

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