मीडिया पर कविताएँ

मीडिया का सामान्य अर्थ

संचार-माध्यम है। समकालीन संवाद में यह मुख्यतः न्यूज़ मीडिया और सोशल मीडिया को सूचित करता है। मीडिया को लोकतंत्र के प्रहरी के रूप में देखा जाता है। समय के साथ इसकी छवि सत्ता में अपनी हिस्सेदारी चाहते एक शक्ति-समूह के रूप में भी बनी है। इस चयन में मीडिया के सरोकारों से संबंधित विभिन्न विषयों पर संवाद करती कविताओं का संकलन किया गया है।

नवस्तुति

अविनाश मिश्र

अ-प्रेम कविता

मृगतृष्णा

बकवास

ज़ुबैर सैफ़ी

विज्ञापन

अनीता वर्मा

अख़बार पढ़ते हुए

हरीशचंद्र पांडे

लाजो

देवी प्रसाद मिश्र

पत्रकार महोदय

वीरेन डंगवाल

मीडिया : एक

आश करण अटल

चौथा शेर

उदय प्रकाश

तथाकथित पत्रकार

काका हाथरसी

ऑलिविये जीरूड

राही डूमरचीर

यात्रा की तैयारी

प्रीति चौधरी

चैनल पर रैडिकल

देवी प्रसाद मिश्र

मीडिया : दो

आश करण अटल

नगर निवासी

श्रीकांत वर्मा

साज़िश

दिलीप शाक्य

हरा रंग

हरि मृदुल

एक गहरी चुप्पी

वंदना पराशर

ख़बर

नरेंद्र गौड़

आँकड़ों का सच

अरविंद चतुर्वेद

टेलीविजन

रघुवीर सहाय

राष्ट्रीय समाचार

प्रभात त्रिपाठी

ताज़ा ख़बर

वसीम अकरम

आश्चर्य

प्रमोद बेड़िया

दुःख

संदीप तिवारी

ख़बरों का ख़ुलासा

शीला सिद्धांतकर

अख़बार

गौरव भारती

नया वेद

कुबेर दत्त

ख़बर

नरेंद्र जैन

जैसे कोई ख़बर हो

प्रभात त्रिपाठी

अख़बार

शुभम नेगी

वह अख़बार

प्रभात त्रिपाठी

छोटा परदा

हरि मृदुल

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere