चुनाव पर कविताएँ

चुनाव (इलेक्शन) या निर्वाचन

प्रक्रिया लोकतंत्र का अहम अंग है। इसके गुण-दोष पर विचार आधुनिक बौद्धिक चिंतन में शामिल रहा है। कवि, जो एक प्रबुद्ध और सतर्क नागरिक है और अपने समय का द्रष्टा भी, इस चिंतन-मनन में योगदान करता रहा है।

कौन जात हो भाई

बच्चा लाल 'उन्मेष'

कोई एक और मतदाता

रघुवीर सहाय

कोई और

देवी प्रसाद मिश्र

जनादेश

संजय चतुर्वेदी

एक अन्य युग

अविनाश मिश्र

भाषण

रघुवीर सहाय

परंतु

कुमार अम्बुज

बूथ पर लड़ना

व्योमेश शुक्ल

हम गवाही देते हैं

संजय चतुर्वेदी

कार्यकर्ता से

लीलाधर जगूड़ी

मतदान

अमित तिवारी

मतदाता

संजय चतुर्वेदी

फँस गए हैं

पंकज चतुर्वेदी

चुनाव की चोट

काका हाथरसी

राजा अइलिन

राकेश रंजन

बाराबंकी

रघुवीर सहाय

बेदख़ल

कुमार मंगलम

हम हारे हुए लोग हैं

कुशाग्र अद्वैत

सुशासन

कुमार मंगलम

जनता के लुटेरे

बलराम शुक्ल

जंगल

अनुभव

पंचवर्षीय अकाल

बच्चा लाल 'उन्मेष'

शिकार

सोनी पांडेय

दिल्ली 2020

गिरिराज किराडू

दल-बदल

मदनलाल डागा

चुनाव

संध्या चौरसिया

गिरना

बसंत त्रिपाठी

भेड़

देवेश पथ सारिया

मलबे

स्वप्निल श्रीवास्तव

सभासद

प्रकाश चंद्रायन

चुनाव

नंद चतुर्वेदी

निवेशक

संजय कुंदन

चुनावी बुख़ार

यतीश कुमार

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere