
किसी से प्यार करना मज़बूत एहसास ही नहीं है—यह निर्णय है, यह वादा है।


साधारण चुनाव महत्वपूर्ण होते हैं और सीधे-सादे शब्द निर्णयकारी।

जो लोग निर्णय लेते हैं उन्हें किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व के सभी पहलुओं को ध्यान में रखना चाहिए।

जब हम यह सोचते है कि हमारे रोज़ के छोटे-छोटे निर्णय नगण्य हैं, तब हम अपनी तुच्छता ही प्रदर्शित करते हैं।

उन लोगों के द्वारा सबसे अच्छे निर्णय लिए जाते हैं, जो उनसे प्रभावित होते हैं।

अकेला दूसरे के घर में प्रवेश करे, द्वितीय आदमी से मंत्रणा करे, बहुत आदमी लेकर युद्ध करे, यही शास्त्र का निर्णय है।

अकेला व्यक्ति यदि सर्वज्ञ भी हो तो भी उसके निर्णय में दोष हो ही सकता है।

निर्णायक को पाँच दोषों से बचना चाहिए—राग, लोभ, भय, द्वेष और एकांत में वादियों की बातें सुनना।

प्रत्येक व्यक्ति की बात सुनो परंतु किसी से भी कुछ मत कहो। प्रत्येक व्यक्ति द्वारा निंदा सुन लो पर अपना निर्णय सुरक्षित रखो।

अच्छा क्या है और बुरा क्या है? इसका निर्णय एकांगी दृष्टि से नहीं किया जा सकता। विष, चिकित्सक द्वारा अमृतकल्प हो जाता है।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere