
किताबें, जिन्हें हम सांत्वना समझने की भूल करते हैं; केवल हमारे दुःख को और गहरा करती हैं।

कौन बता सकता है कि ईश्वर उस सूक्ष्म बंधन को बनाने में किन धातुओं का उपयोग करते हैं, जिसे हम सहानुभूति कहते हैं; जिसे हम प्रेम भी कह सकते हैं।

सच्चे संवाद के लिए अक्षमता का अर्थ है—सहिष्णुता, आत्म-चिंतन और सहानुभूति की अक्षमता।

भविष्य कभी भी किसी के लिए पारदर्शी नहीं होता। उसे हमारी ज़िद से कोई सहानुभूति नहीं है। कहने का मतलब यह नहीं है कि यह अनुचित है, लेकिन यह अकल्पनीय है।

दयालुता ऐसी भाषा है, जिसे बहरे सुन सकते हैं और अंधे देख सकते हैं।

आज के समाज में प्रतिभा तो बहुत है, परंतु श्रद्धा नहीं है। ज्ञान तो है परंतु व्यावहारिक बुद्धि नहीं है। आडंबरपूर्ण सभ्यता तो है, परंतु प्रेम व सहानुभूति नहीं है।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere