एलजीबीटीक्यूआईए+ पर कविताएँ

एलजीबीटीक्यूआईए+ यानी—lesbian,

gay, bisexual, transgender/transsexual, queer/questioning, intersex, and asexual and/or ally. ये वे नए समुदाय हैं जिनकी अभिव्यक्तियाँ अपने अधिकारों को लेकर समाज में इन दिनों सर्वाधिक मुखर हैं। प्रस्तुत चयन इस मुखरता में स्वर मिलाती कविताओं का है।

मर्दानगी

आर. चेतनक्रांति

हिजड़े

हरीशचंद्र पांडे

टिंडर

शुभम नेगी

परिभाषित के दरबार में

आर. चेतनक्रांति

क्रॉसड्रेसर

आर. चेतनक्रांति

तीस जून

शुभम नेगी

ख़्वाबों का लिबास

अब्दुल रहीम चंदा

आग

धर्मेश

इश्क़ एकतरफ़ा

अब्दुल रहीम चंदा

ख़्वाबों की दुनिया

अब्दुल रहीम चंदा

एक स्त्री ऐसी भी

अब्दुल रहीम चंदा

मैं इस दुनिया की नहीं

अब्दुल रहीम चंदा

कविताएँ

धर्मेश

मौत के बाद का प्यार

अब्दुल रहीम चंदा

साक्षात्कार

शुभम नेगी

देह

धर्मेश

चूमना

धर्मेश

हिजड़े

कृष्णमोहन झा

बहनापा

रश्मि भारद्वाज

हिजड़ा कहते ही

राजकिशोर राजन