
अपने दिल का कहा मानो, लेकिन अपने दिमाग़ को साथ लेकर चलो।

व्यक्तिगत संपत्ति की शुरुआत उस समय से शुरू हुई जब किसी ने अपना ख़ुद का दिमाग़ रखना शुरू किया।

मस्तिष्क के हज़ारों नेत्र होते हैं, और हृदय का एक, परंतु प्रेम के समाप्त होते ही संपूर्ण जीवन का प्रकाश समाप्त हो जाता है।

भाषा मानव मस्तिष्क की वह शस्त्रशाला है जिसमें अतीत की सफलताओं के जयस्मारक और भावी सफलताओं के लिए अस्त्र-शस्त्र, एक सिक्के के दो पहलुओं की तरह साथ-साथ रहते हैं।

मस्तिष्क—वह यंत्र जिससे हम सोचते हैं कि हम सोचते हैं।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere