पत्नी पर कविताएँ

प्रस्तुत है कवि-पत्नी,

पत्नियों को समर्पित और कविता में पत्नियाँ विषयक कविताओं का एक अनूठा चयन।

सुनो चारुशीला

नरेश सक्सेना

तुम्हारे लिए

अष्टभुजा शुक्‍ल

हे मेरी तुम

केदारनाथ अग्रवाल

गृहस्थन होती लड़की

गोविंद माथुर

पति-पत्नी

निखिल आनंद गिरि

कोरोना में किचेन

श्रीप्रकाश शुक्ल

उसकी थकान

भगवत रावत

कवि-पत्नियाँ

नीलाभ अश्क

कवि की पत्नी

इब्बार रब्बी

मुझे लगता है।

जयंत पाठक

उनकी पत्नियाँ

अविनाश मिश्र

दिनचर्या

रवि भूषण पाठक

मायके गई बीवी के लिए

जावेद आलम ख़ान

जमुन-जल तुम

केदारनाथ अग्रवाल

महुवाई गंध

अनुज लुगुन

रूठना

मिथिलेश कुमार राय

मृत्यु-भय

कुंदन सिद्धार्थ

क्या जानूँ दिल को खींचे है

विष्णुचंद्र शर्मा

संबंध

कुमार मुकुल

पत्नी के लिए

अरुण देव

वट सावित्री

अपूर्वा श्रीवास्तव

अभिनय

प्रेमशंकर शुक्ल

हो

विष्णु नागर

घर में शोर

विष्णु नागर

रानी वह मेरी

चक्रधर राउत

एयर हॉस्टेस

लाइश्रम समरेन्द्र सिंह

भाग्य

कुलदीप सिंह जिंद्राहिया

सहधर्मिणी

तिरुवल्लुवर

आभा के लिए

बोधिसत्व

गृहदेवी

बलराम शुक्ल

हड़बड़ी

कुंदन सिद्धार्थ

पीहर से लौटकर पत्नी

सवाई सिंह शेखावत

पत्नी

परमानंद श्रीवास्तव

पत्नी के लिए

विनोद पदरज

नई नई

विनोद पदरज

माधो बाबू

मानबहादुर सिंह

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere