बहन पर कविताएँ

अपनी उपस्थिति-अनुपस्थिति

में घर में हमेशा दर्ज रहती बहनें हिंदी कविता का आर्द्र विषय रही हैं। यहाँ प्रस्तुत है—बहन विषयक कविताओं से एक चयन।

प्रेमिकाएँ

अखिलेश सिंह

घर की याद

भवानीप्रसाद मिश्र

चौदह भाई बहन

व्योमेश शुक्ल

बहनें

असद ज़ैदी

बहन

विजय राही

बहनों का कमरा

गार्गी मिश्र

घर

ज़्बीग्न्येव हेर्बेर्त

रुक जा ओ बारिश रुक जा!

प्रवासिनी महाकुड़

दीदी

रवींद्रनाथ टैगोर

बहन

अमर दलपुरा

बहुत दूर

दीपक सिंह

बहन

इब्बार रब्बी

मेरी बहिन

जितेंद्र कुमार

घिसी हुई चप्पलें

राजेश सकलानी

दीदी

प्रमोद कुमार तिवारी

बहन को याद करते हुए

कुँवर नारायण

राखियाँ, मुद्रा और घड़ी

मुकेश निर्विकार

दीदी, मेरी माँ

यशवंत कुमार

यथोचित बहन

मंजुला बिष्ट

बहनें

विमलेश त्रिपाठी

छुटकी

मणि मोहन

रास्ते में घर

प्रेम रंजन अनिमेष

धरती की बहनें

अनुपम सिंह

माँ का ब्लाउज़

यशवंत कुमार

जादूगरनी बहनें

संतोष अर्श

बहन

प्रांजल धर

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere