कन्नड़ कविता पर कविताएँ

कन्नड़ के महत्त्वपूर्ण

कवियों की श्रेष्ठ और लोकप्रिय कविताओं से एक चयन।

दीन पराधीन

पी. एस. रामानुजम

नीलांजना

बी. सी. रामचंद्र शर्मा

सिंहावलोकन

एच. एस. शिवप्रकाश

राह की कुतिया

अंबिकातनयदत्त

मेरे लोग

सिद्धलिंगैया

नवोदय

वि. कृ. गोकाक

प्रश्न

बी. सी. रामचंद्र शर्मा

बात करनी है

सिद्धलिंगैया

एक घटना

जी. एस. शिवरुद्रप्पा

वहीं बैठे हैं

सिद्धलिंगैया

गड़बड़ नगर

गोपालकृष्ण अडिग

उसे थी आशा

ना. मोगसाले

कविता की कहानी

एच. एस. भीमनगौडर

घरेलू बात

​हेमा पट्टणशेट्टी

मेरी कविताएँ

ना. मोगसाले

भूख

जयदेवि तायि लिगाडे

निरावरण से

जयदेवि तायि लिगाडे

मौन-चित्र

के. एस. नरसिंह स्वामी

नियमोल्लंघन

चेन्नवीर कणवि

मेरा भगवान

ना. मोगसाले

मलेदेगुल

पु. ति. नरसिम्हाचार

निर्धारण

बसवराज सबरद

वात्सल्य

पी. एस. रामानुजम

क्रांतिकारी

जी. एस. शिवरुद्रप्पा

पश्चिम समुद्र

चेन्नवीर कणवि

संन्यासी

पी. एस. रामानुजम

मोर मोर ही!

ना. मोगसाले

मुक्त-जीवी

वि. कृ. गोकाक

आख़िरी पाठ

ना. मोगसाले

मेरा दीया

जी. एस. शिवरुद्रप्पा

विद्वानों के लिए

जी. एस. शिवरुद्रप्पा

मत बिठाओ मुझे अपने सिंहासन पर

के. एस. नरसिंह स्वामी

मेरी जेब

जी. एस. शिवरुद्रप्पा

नित्यनिरंतर

रं. श्री. मुगलि

वैशाख पूर्णिमा

के. नरसिम्हामूर्ति

आशीर्वाद

अंबिकातनयदत्त

सोSहमस्मि

कुवेंपु

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere