
मुझे लगता है कि एक लड़की के लिए किसी ऐसे व्यक्ति से शादी करना आसान होगा जिसे वह नहीं जानती, क्योंकि जितना अधिक आप पुरुषों को जानोगे; उनसे प्यार करना उतना ही कठिन होगा।

यह सब संसार असार व क्षणिक है। पक्षी आँगन में दाना चुगने के लिए आते हैं और चुग कर उड़ जाते हैं।लड़कियाँ घरौंदे बनाती हैं, गुड्डों-गुड़ियों के विवाह करती हैं और फिर सब खिलौनों को तोड़ डालती हैं। यात्री आकर किसी वृक्ष के नीचे रात को विश्राम लेते हैं और प्रातःकाल होते ही उठकर चले जाते हैं। मार्ग में बहुत से लोगों से भेंट होती है परंतु इन लोगों से कोई मोह या संबंध नहीं जोड़ता। इसी प्रकार जब तक इस संसार में प्रारब्धानुसार जीवित रहता है तब तक उदासीन व अलिप्त रहना चाहिए।

लड़कियों को जानने की ज़रूरत है कि वे नियम तोड़ सकती हैं।

काश! मैं फिर से वह लड़की हो सकती—कुछ जंगली और खुरदरी, कठोर और आज़ाद।



यौवन का आरंभ होते ही कन्याओं के पिता संताप-अग्नि के ईंधन बन जाते हैं।

प्रायः गृहस्थ जन कन्या संबंधी बातों में अपनी पत्नियों को नेत्र मानकर कार्य करते हैं।


हे श्रीकृष्ण! अपनी प्रीति रूपी कन्या मैंने तुमसे विवाहित कर दी है। अब आप इसे ज़बर्दस्ती अपने पास रखिए और यदि उसकी बुरी आदत हो तो छुड़वा दीजिए।

इस देश में लड़की के दिल में जाना हो, तो माँ-बाप के दिल की राह से जाना होता है।

लड़की माँ-बाप के घर में ग़ैरहाज़िर जैसी होती थी। उसे उसी तरह पाला-पोसा जाता था कि कोई भटकी हुई आ गई है। भले कोख से आ गई है। एकाध दिन उसे खाना खिला दो कल चली जाएगी। लड़की का रोज़-रोज़, बस एकाध दिन जैसा होता था। फिर ब्याह दी जाती जैसे निकल जाती हो।

यद्यपि लड़की फूटी कौड़ी के मोल की होती है, फिर भी उसे देखने को जी चाहता है, लेने-छूने को जी चाहता है और स्नेह की वस्तु है इसलिए एक मीठी अनुभूति आती है।

लड़की में एक ख़ास तरह की गंभीरता होने से उसकी सूरत को अनदेखा किया जा सकता है।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere