समकालीन पर उद्धरण
वर्तमान दौर के लिए भी
प्रासंगिक रहे और आधुनिक इतिहास के नियत परिप्रेक्ष्य से संबंधित रचनाओं से एक चयन।

प्रत्येक सद्ग्रंथ में दो तरह की बातें हुआ करती हैं, एक सामयिक, नश्वर, देशविशेष और कालविशेष से संबंध रखनेवाली और दूसरी शाश्वत, अविनश्वर, सब कालों और देशों के लिए समान रूप से उपयोगी और व्यवहार्य।

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere