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गैब्रिएला मिस्ट्राल

1889 - 1997 | वीकून्या

चिली की समादृत कवयित्री, राजनयिक और शिक्षाविद्। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।

चिली की समादृत कवयित्री, राजनयिक और शिक्षाविद्। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।

गैब्रिएला मिस्ट्राल के उद्धरण

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जो प्रेम हिचकिचाता है, जो प्रेम लड़खड़ाता है, वही प्रेम, प्रेम के लिए सबसे अच्छा है।

जहाँ एक पेड़ लगाने की जगह हो, वहाँ ख़ुद पेड़ लगाओ। जहाँ कोई ग़लती सुधारनी हो, वहाँ ख़ुद का सुधार करो। जहाँ ऐसा काम हो जिसे हर कोई टालता हो, वहाँ उसे ख़ुद करो। वह बनो जो रास्ते से पत्थर हटाए।

तुम्हें सुंदरता का सृजन करना चाहिए, इंद्रियों को उत्तेजित करने के लिए नहीं, बल्कि अपनी आत्मा को पोषित करने के लिए।

कविता मेरे भीतर है, मेरे पास है; यह एक दबे हुए बचपन की प्यास है। हालाँकि इसकी परिणति कड़वी और कठिन है, लेकिन जो कविता मैं बनाती हूँ वह मुझे दुनिया की धूल और यहाँ तक कि उस रहस्यमय, मौलिक दोष से मुक्त करती है जिसे हम पाप कहते हैं।

आत्मा के बाद भाषा हमारी दूसरी संपत्ति है—और इसके अलावा हमारे पास इस दुनिया में और कोई संपत्ति नहीं है।

मैं अपने दिल पर भरोसा करती हूँ, जिसका उपयोग मैं जीवन का चित्र बनाने के लिए करती हूँ।

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स्वस्थ और न्यायपूर्ण होना ख़ुशी देता है, लेकिन इससे भी बड़ी सुंदरता, उपयोगी होने का विशाल सुख है।

रात अपने आप से भरी हुई है, अपने आप में विस्तृत है और अपने आप में जीवंत है।

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मेरे पास एक दिन है। अगर मैं इसका पूरा उपयोग करूँ, तो मेरे पास एक ख़ज़ाना होगा।

हे ईश्वर मुझे समुद्र की लहरों की सी शक्ति दो, जो हर पीछे हटने को नई शुरुआत में बदल देती हैं।

सुंदरता, से प्रेम करो; यह ब्रह्मांड में ईश्वर की छाया है।

वह क्या था जो कभी पूरा नहीं हुआ, बदला और ही जिसकी आशा पूरी हुई?

जो चीज़ें मेरे लिए मायने रखती थीं, अब मेरे लिए कोई मायने नहीं रखतीं।

मैं कविता लिखती हूँ क्योंकि मैं इस प्रेरणा की अवहेलना नहीं कर सकती; यह ऐसा होगा जैसे मेरे गले में उठते हुए झरने को रोकना। लंबे समय तक, मैं उस गीत की दासी रही हूँ जो अपने आप आता है, प्रकट होता है और जिसे छिपाया नहीं जा सकता। अब मैं ख़ुद को कैसे क़ैद करूँ? अब इससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता कि कौन मेरी प्रस्तुत रचना को प्राप्त करता है। जो कुछ मैं करती हूँ, वह मुझसे अधिक महान और गहरा है। मैं केवल एक माध्यम हूँ।

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ईश्वर को खोजने का सबसे ऊँचा ज़रिया शिक्षा है।

मैं प्रेम को केवल मृतकों के माध्यम से समझा सकती हूँ, जो अब धोखा नहीं दे सकते और भ्रम को तोड़ नहीं सकते।

मेरे पास वह सब है जिसे मैंने खो दिया। मैं अपना बचपन ऐसे लेकर चलती हूँ जैसे कोई पसंदीदा फूल हाथों को ख़ुशबुओं से भर देता है।

हम कई ग़लतियों और दोषों के लिए दोषी हैं, लेकिन हमारा सबसे बड़ा अपराध बच्चों को छोड़ देना है, उन्हें जीवन का स्रोत देने से इनकार करना है। कई चीज़ें जो हमें चाहिए, वे प्रतीक्षा कर सकती हैं, लेकिन बच्चे प्रतीक्षा नहीं कर सकते। अब उनका समय है, उनकी हड्डियाँ बन रही हैं, उनका रक्त बन रहा है और उनकी इंद्रियाँ विकसित हो रही हैं। हम उन्हें कल नहीं कह सकते, उनका नाम आज है।

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