प्रधानमंत्री पर कविताएँ
संसदीय प्रणाली में सरकार
के प्रमुख के रूप में प्रधानमंत्री जनता की आशाओं-आकांक्षाओं का अवलंब होता है और उसकी इस अद्वितीय उपस्थिति में कविताएँ उससे संवाद की अपेक्षा करती रहती हैं। प्रस्तुत चयन ऐसी ही कविताओं से किया गया है।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere