माखनलाल चतुर्वेदी के उद्धरण

कलाकार क्या है? वह अपने युग की स्फूर्ति के प्रकाश के रंग में डूबी भगवान की प्राणवान प्रेरक और कल्पक कूँची है।

कवि के घर निर्धनता से अकाल नहीं पड़ता। वह तो पड़ता है, नीरसता का मौसम आ जाने पर।
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