भारतीय भाषाओं से हिंदी में अनूदित रचनाकारों की सूची
भारत की बहुभाषी साहित्यिक परंपरा में हिंदी अनुवाद एक ऐसा सेतु है, जो अलग-अलग भाषाओं के रचनाकारों के विचारों और संवेदनाओं को हिंदी में संप्रेषित करता है। ये अनूदित रचनाएँ न केवल साहित्यिक विविधता को उजागर करती हैं, बल्कि भारतीय समाज की सांस्कृतिक और भावनात्मक एकता को भी प्रकट करती हैं। अनुरचना के रूप में प्रस्तुत यह थाती वृहत हिंदी संसार को समृद्ध करती है।
कन्नड़ के महत्त्वपूर्ण कवियों की श्रेष्ठ और लोकप्रिय कविताओं से एक चयन।
हेमा पट्टणशेट्टी
सुपरिचित कन्नड़ कवयित्री, संपादक और प्रकाशक। 'विरहोत्सव' काव्य-संग्रह के लिए उल्लेखनीय।
अंबिकातनयदत्त
कन्नड़ गीति-काव्य के समादृत कवि। नवोदय आंदोलन से संबद्ध। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।
एच. एस. भीमनगौडर
कन्नड़ कवि-लेखक और प्राध्यापक। काव्य संग्रह 'नेला हिडियुवा मोदलु' के लिए कर्नाटक साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
के. एस. नरसिंह स्वामी
कन्नड़ भाषा के प्रसिद्ध कवि-गद्यकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
के. एस. नरसिंहस्वामी
कन्नड़ भाषा के सुप्रतिष्ठित कवि-गद्यकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
गोपालकृष्ण अडिग
कन्नड़ भाषा के सुप्रतिष्ठित कवि। नव्या कविता आंदोलन से संबद्ध। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
चेन्नवीर कणवि
सुप्रतिष्ठित कन्नड़ कवि-लेखक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
जयदेवि तायि लिगाडे
कन्नड़ और मराठी भाषा से संबद्ध कवयित्री, समाज सुधारक और आध्यात्मिक विचारक।
जी. एस. शिवरुद्रप्पा
'राष्ट्रकवि' के रूप में सुप्रसिद्ध कन्नड़ कवि और समालोचक। समालोचना कृति के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
ना. मोगसाले
सुपरिचित कन्नड़ उपन्यासकार-कथाकार-कवि। चिकित्सा अधिकारी और समाजसेवी के रूप में भी योगदान।
पु. ति. नरसिम्हाचार
कन्नड़ के सुपरिचित कवि-लेखक। अपने संगीत नाटकों के लिए प्रसिद्ध। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
सुपरिचित कन्नड़ कवि और ललित-निबंधकार। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के रूप में सेवा।
बसवराज सबरद
सुपरिचित कन्नड़ कवि, आलोचक और नाटककार। बंडाया आंदोलन में सक्रिय भूमिका।
बी. सी. रामचंद्र शर्मा
सुपरिचित कन्नड़ कवि-नाटककार-अनुवादक। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
रं. श्री. मुगलि
कन्नड़ के सुपरिचित कवि-लेखक-साहित्येतिहासकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।
वि. कृ. गोकाक
कन्नड़ भाषा के समादृत कवि और इतिहासकार। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।
सिद्धलिंगैया
सुप्रतिष्ठित कन्नड़ कवि, नाटककार और दलित कार्यकर्ता। दलित-बंडाया साहित्यिक आंदोलन में योगदान।