शरण पर उद्धरण

ब्राह्मण, गौ, कुटुंबी, बालक, स्त्री, अन्नदाता और शरणागत- ये अवध्य होते हैं।

शरण या आज़ादी—और कोई रास्ता नहीं।

सभी लोग उपस्थित आश्रय को क्षीण होते देखकर अनागत आश्रय को अपनाते हैं।
ब्राह्मण, गौ, कुटुंबी, बालक, स्त्री, अन्नदाता और शरणागत- ये अवध्य होते हैं।
शरण या आज़ादी—और कोई रास्ता नहीं।
सभी लोग उपस्थित आश्रय को क्षीण होते देखकर अनागत आश्रय को अपनाते हैं।