Font by Mehr Nastaliq Web

यौवन पर कविताएँ

यौवन या जवानी बाल्यावस्था

के बाद की अवस्था है, जिसे जीवनकाल का आरंभिक उत्कर्ष माना जाता है। इसे बल, साहस, उमंग, निर्भीकता के प्रतीक रूप में देखा जाता है। प्रस्तुत चयन में यौवन पर बल रखती काव्य-अभिव्यक्तियों को शामिल किया गया है।

अगर तुम युवा हो

शशिप्रकाश

शिल्पी

बेबी शॉ

आशीर्वाद

ज्ञानेंद्रपति

उसकी बात

अंचित

ओ स्वप्नों के संसार विदा!

गुरुभक्तसिंह भक्त

जवान हो चुकी है दुनिया

अष्टभुजा शुक्‍ल

ख़तरनाक दौर के युवा

गुलज़ार हुसैन

यौवन

अजीत रायज़ादा

सोलह की उम्र

हरीशचंद्र पांडे

उत्तरगाथा

अशोक वाजपेयी

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere